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(१०) सर्वेनो संबंध जीव तोमे . धननो पण ए विषयादिक कामने वश पमवाथी नाश थाय ,शरीर पण निर्बल थाय ने, आयुष्यनी पण हानी थाय , आटला दुःखनो जीवने प्रत्यक्ष अनुन्नव थाय ने पण जीव अनादि कालनो कामने आधीन रहेवाश्री कामांध श्रयो , ते अंधपणे करी कोई पण नुकशान के कुःख जोतो नथी. केटलाएक राजान कामने लीधे राज ब्रष्ट थाय , ते नजरे जोवामां आवे रे. पण जीवने जान अतुं नथी. केवी आश्चर्यनी वात ! के कर्म केवा प्रकारे नचावे , कामांधपणे केटलाएक पोतानी गेकरी, पोतानी बहेन, पोतानी मा, तेनो पण विचार राखता नथी, तो बीजी स्वीनो तो शुं विचार राखे. केटलीएक माता कामने वश पमी पोताना पुत्रनो नाश करे , पोताना धणीनो नाश करे. आवी कामनी दशा पीके
ने तेथी आ लोकनां पुःख आवी रीते अनेक प्रकारे नोगवे ने अने परलोकनां कुःख सांजलवां होय तो सुगमांग सूत्रथी जोई लेवं. नवन्नावना ग्रंथश्री जुन नरकने विषे परमाधामी लोढानी धगधमती तलीए बकामे , नरकमां पग मुकवानी जगो नेते एवी के जेवो रीते तरवारनी धार नपर पग मुकवो तेवी रीते बे, नष्म वेदना एवी के हजारो मण बलता काष्टनी चेदेमांसूवे ते करतां पण वेदना वधारे थाय ने सीत वेदना एवी ने जे टा. ढनो जोमो नथी, ममे एटली अग्नीए करी शरीर शेके तो पण टाढ नीकलती नथी.जन्मनी जमा एवी के रा राइ जेवा ककमा करीने नपजवानी जमोमांधी बाहार काढे. वैक्रिय शरीरनो स्वन्नाव एवो ने के, बधा ककमा एकग थया के पारो जेम मली जाय तेम शरीर नन थाय, एटले पाग परमाधामी अनेक प्रकारनी वेदना करे . आवां पुःख टुंकां आनखां मनुप्यनां तेमां अल्प काल सुख मानीने, मोटा सागरोपमना आन