Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ । सर्बदासम्पपकारिता सदाप्रमारदरक्षित शिवशमिशास्त्रषमादीपरिदरेनही पाणीमादेरकारलयकी तिथप्रकायसमारेसनामक जनअनादिसवसंततिसमक्ष तिपातादियका विश्वा त तिनैविपाकविषावातलीकटेजमाची एकवी विशेषश्कन्दीया भोली मेधावीस्तिनापणठक मादविषश्वास्यापकदन्ती तयायाधीविषयातिजापतिले प्रधब जमाउसफेदखेतिक भारतरालप्रतिकिमतकाजनिकायनसमारेलकरतो नावपाक साई मर्मवचनकायंएक्वता भावारण जादिसयाजातदिसयाअप्पमात्रदिजियमतिगणीप/सेउदोपवुनही तपरिणायामदानिध्याणिस्माजमा ६ तिश्या कदिवडात्रिकरण (हिजेपदथक विपरीवतेमधाबाजश्रन्ययाकुरश्तेदेषाबा अदा शिष्यपर्वकदलजिए अनिवारसमारसकरी अश्मकरपसोकमउमा सावधानुष्टमित्रका कमानाजूयासाक्पादिदैषितेश्मकदै अम्हणगा। पुमकासीपमाएणी लजमारणोपासणगारामानियागपक्षमाणा जमिणविरुवझावहिंसछेत्रिगण अमिबास्त्रसमारंसता एतावता अग्निमी अनेराकानकबधियादिक रुपमाणीयानक विदारकतुनिश्च नगवंतश्परिझाप्रवेदी शणि सकरवा ह णादिवत्रीवीतरागषणातपादशश्कदै कम्मसमारंस अगसिसमारंसमाण अपनाहोगस्वेपाणेविदिसतिशतबरखतगवतापरिणापवेदिताइमस जीवतमन परिवंदना मानन नानश्मी तथाजातिजन्ममरण किवाना तथाऽरकप्रतिघातति / वरूपोफरणी अग्निसस्त्रसमारंवार ass अर्ध विवजीवियस्सपरिवंदणमायणाए जाईमरणमायणाए।उरकपमिघायदे सेसयमेवअगणिस समारंतर अनेरापाससमारंसाas अमेर समारत तेव्हन अनुमोद ग्मिनाकारसतिदन विहानप्रबोधिबीजमाना ऋदितनरकादिवाखसशसणीलाई पीया। अस्मिदिवाअगरणसन्समारंसावे अलिवानगणिसछसमारंसमाणसमणुजाराहातंत्रदिया तासाचाहिए। ६ REysURE

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 146