Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar
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तिनैविपाकविषावातलीकटेजमाची एकवी विशेषश्कन्दीया भोली मेधावीस्तिनापणठक मादविषश्वास्यापकदन्ती तयायाधीविषयातिजापतिले प्रधब जमाउसफेदखेतिक भारतरालप्रतिकिमतकाजनिकायनसमारेलकरतो
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साई मर्मवचनकायंएक्वता भावारण जादिसयाजातदिसयाअप्पमात्रदिजियमतिगणीप/सेउदोपवुनही तपरिणायामदानिध्याणिस्माजमा ६ तिश्या कदिवडात्रिकरण (हिजेपदथक विपरीवतेमधाबाजश्रन्ययाकुरश्तेदेषाबा अदा शिष्यपर्वकदलजिए अनिवारसमारसकरी
अश्मकरपसोकमउमा सावधानुष्टमित्रका कमानाजूयासाक्पादिदैषितेश्मकदै अम्हणगा। पुमकासीपमाएणी लजमारणोपासणगारामानियागपक्षमाणा जमिणविरुवझावहिंसछेत्रिगण
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सकरवा ह णादिवत्रीवीतरागषणातपादशश्कदै कम्मसमारंस अगसिसमारंसमाण अपनाहोगस्वेपाणेविदिसतिशतबरखतगवतापरिणापवेदिताइमस जीवतमन परिवंदना मानन नानश्मी तथाजातिजन्ममरण किवाना तथाऽरकप्रतिघातति / वरूपोफरणी अग्निसस्त्रसमारंवार
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पीया। अस्मिदिवाअगरणसन्समारंसावे अलिवानगणिसछसमारंसमाणसमणुजाराहातंत्रदिया तासाचाहिए।
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REysURE

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