Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 61
________________ CON2045PMME240AL-ENLARG40202MERARLABHRALIANRAADIMODI/48898249982492040300ARNDSAAMRAA824 ॥ श०७३०३॥ राबगिहे नगरे जाप एवं बदासी-कतिविहा णं भंते ! संसारसमावनगा जीवा पं०?, गोयमा! उबिहा संसारसमावन्नगा जीवा पं० त०-पुढवीकाइया एवं जद्दा जीवाभिगमे जान सम्मत्तकिरियं चा मिचछत्तकिरियं वा। सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति। 'जीवा छब्बिह पुड़वी जीवाण ठिती भवद्धिती काए। निडेवण अणगारे किरिया सम्मत्तमिच्छत्ता ॥५५॥ २८०॥श०७उ०४॥रायगिहेजाव एवं वदासी-खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं भंते! कतिविहजाणीसंगह पं०१.गोयमा! तिविहे जोणीसंगहे पंत-अंडया पोयया संम. च्छिमा. एवं जहा जीवाभिगमे जाव नो चेव ण ते विमाणे बीतीवएजा, एवंमहालया गं गोयमा ! ते चिमाणा पं०. 'जोणीसंगह लेसा दिट्टी नाणे य जोग उवओगे। उववायठितिसमुग्यायचवणजातीकुलविहीओ ॥५६॥ सेवं भंते! सेवं भंतेत्ति । २८१॥ श० ७ उ०५॥ रायगिहे जाव एवं बदासी-जीवे णं भंते ! जे भविए नेरइएसु उववजित्तए से णं भंते ! कि इहगए नेरदयाउयं पकरेति उबवजमाणे नेरइयाउयं पकरेइ उववन्ने नेरइयाउयं पकरेइ ?. गोयमा ! इहगए नेरइयाउयं पकरेइ नो उववजमाणे नेर० नो उववन्ने नेरइयाउयं पकरेइ. एवं असुकुमारेसुऽवि एवं जाच वेमाणिएस, जीचे णं भंते! जे भविए नेरहएस उवयजित्तए से णं भंत ! कि इहगए नेरइयाउयं पडिसंवेदेति उववजमाणे नेरइयाउयं पडिसंवेदेति उववन्ने नेरइ. याउयं पडिसंवेदेति?,गोयमा! गेरइएणोइहगए नेरइयाउयं पडिसंवेदेइ उववजमाणे नेरड्याउयं पडिसंवेदेइ उपवनेवि नेरइयाउयं पडिसंवेदति, एवं जाव वेमाणिएम, जीव णं भत! जे मचिए नेइएम उववजित्तए से गंभंते ! किं इहगए महावेदणे उक्वजमाणे महावेदणे उववन्ने महावेदणे ?. गोयमा! इहगए सिय महायणे सिय अप्पवेदणे उववजः सिय महा० सिय अप्प अहेणं उववन्ने भवति तो पच्छा एगंतदुक्खं वेयणं वेयंति आहच्च सायं०, जीये णं भंते जे भविए असुरकुमारेसु उश्वजित्तए पुच्छा, गोयमा: इहगए सिय महावेदणे सिय अप्पवेदणे उपवजमाणे सिय महावेदणे सिय अप्पवेदणे, अहे गं उववन्ने भवइ तओ पच्छा एगंतसाय वेवणं वेदेति आहच असायं०.एवं जाव थणियकुमारे जीवे णं भंते ! जे भविए पुढवीकाइएम उववजित्तए चुच्छा, गोयमा ! इहगए सिय महावेयणे सिय अप्पवेयणे, एवं उववजमाणेऽवि, अहे णं उववन्ने भवति तओ पच्छा वेमायाए वेयणं वेयेति एवं जाव मणुस्सेसु, वाणमंतरजोइसियवेमाणिएम जहा असुरकुमारेसु।२८२। जीवा णं भंते ! कि आभोगनिव्वत्तियाउया अणाभोगनिव्वत्तियाउया ?, गोयमा ! नो आभोगनिव्वत्तियाउया अणाभोगनिवत्तियाउया, एवं नेरइयावि, एवं जाय वेमाणिया । २८३ । अत्यि णं भंते ! जीवाणं ककसवेयणिज्जा कम्मा कज्जति', हता अस्थि, कह भंते ! जीवाणं ककसचेयणिज्जा कम्मा कज्जति ?, गोयमा ! पाणाइवाएणं जाब मिच्छादसणसाझेणं, एवं खलू गोयमा ! जीवाणं ककसवेयणिजा कम्मा कजंति, अस्थि णं भंते नेरइयाणं ककसवेयणिजा कम्मा कजं. ति? एवं चेच, एवं जाव वेमाणियाण, अस्थि णं भंते ! जीवाणं अककसवेयणिज्जा कम्मा कजति ?, हंता अस्थि, कहन्नं भंते! अककसवेयणिज्जा कम्मा कजति ?. गोयमा ! पाणाइचायवेरमणेणं जाव परिगहवरमणेणं कोहविवेगेणं जाच मिच्छादसणसाइविवगण, एवं खलु मोयमा! जीवाणं अकक्सयणिजा कम्मा कजति, अस्थि णं भते! नेहयाणं अककमवेवणिजा कम्मा कजति ?, गोयमा ' णो तिणढे समटे, एवं जाव वेमाणिया, नवरं मणुस्साणं जहा जीवाणं ।२८४ । अस्थि णं भंते ! जीवाणं सायावेयणिना कम्मा कजंति ?. हंता अस्थि, कहनं भंते ! जीवाणं सातावेयणिजा कम्मा कति?, गोयमा! पाणाणुकंपाए भूयाणुकंपाए जीवाणुकंपाए सत्ताणुकंपाए बहूर्ण पाणाणं जाच सत्ताणं अदुस्खणयाए असोयणयाए अजूरणयाए अतिप्पणयाए अपिट्टणयाए अपरियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं मायावेयणिज्जा कम्मा कजति, एवं नेरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं, अस्थि णं भंते ! जीवाणं असायावेयणिजा कम्मा कति ?, हंता अन्थि, कहनं भंते ! जीवाणं असायावेयणिज्जा कम्मा कति?, गोयमा ! परदक्षणयाए परसोयणयाए परजूरणयाए परतिप्पणयाए परपिट्टणयाए परपरियावणयाए पहुणं पाणाणं जाच सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं असायावयणिज्जा कम्मा कजंति, एवं नेरइयाणवि, एवं जाव वेमाणियाणं ।२८५। जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए दूसमदूसमाए समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स बासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सति?, गोयमा! कालो भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलम्भूए समयाणुभावेण य णं खरफरसधूलिमइला दुब्बिसहा बाउला भयंकरा वाया संवगा य बाइंति, इह अभिक्खणं धुमाइंति य दिसा समंता रउस्सला रेणकलसतमपडलनिरालोगा समयलक्खयाए य णं अहियं चंदा सीयं मोच्छति अहियं सरिया तवइस्संति अदुत्तरं च णं अभिक्खणं बहवे अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खट्टमेहा अग्गिमेहा विजुमेहा विसमेहा असणिमेहा अपिवणिजोदगा बाहिरोगवेदणोदीरणापरिणामसलिला अमणुनपाणियगा चंडानिलपहयतिक्खधारानिवायपउरं वासं वासिहिंति, जे णं भारहे वासे गामागरनगरखेडकन्नडमडंबदोणमुहपट्टणासमगयं जणवयं चप्पयगवेलए खयरे य पक्खिसंघे गामारनपया रनिरए तसे य पाणे बहुप्पगारे रुक्खगुच्छगुम्मलयवल्लितणपब्वगहरितोसहिपवालंकुरमादीए य तणवणस्सइकाइए विद्धंसेहिंति पञ्चयगिरिडोंगर(प० मंगरु)उच्छलभट्टिमादीए वेय| २१७ श्रीभगवयंग-स' मुनि दीपरनसागर

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