Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 94
________________ ARPENBPCLASPIGAREPARATIMEPASSPIRONMS85878NCHEMEPIGARPRARPAN भाए वा होजा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण पंच सकरप्पभाए वा होज्जा अहवा एगे रयण पंच वालुयप्पभाए वा होजा जाव अहवा एगे रयण पंच अहेसत्तमाए होज्जा अवा दो रयण चत्तारि सकरप्पभाए होज्जा जाव अहवा दो रयण चत्तारि अहेसत्तमाए होजा अहवा तिचि रयण तिन्नि सकर एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्डं दुयासंजोगो तहा छण्हवि भाणियच्चो नवरं एक्को अभहिओ संचारेयव्यो जाय अहवा पंच तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा, अहवा एगे रयण एगे सक्कर० चत्तारि वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर० चत्तारि पंकप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण एगे सक्कर चत्तारि अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे स्यण दो सकर० तिन्नि वालयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं जहा पंचण्डं तियासंजोगो भणिओ तहा छण्हवि भाणियब्बो नवरं एक्को अहिओ उच्चारेयव्यो, सेसं तं वेव, चउक्कसंजोगोऽवि तहेव, पंचगसंजोगोऽवि तहेव, नवरं एक्को अम्भहिओ संचारेयव्यो जाव पच्छिमो भंगो अहवा दो वालुय० एगे पंक० एगे धूम एगे तम० एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर जाब एगे तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे धूम०एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे पंक० एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे वालय० एगे धूमजाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण एगे सक्कर०एगे पंकजाब एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे सक्करप्पभाए एगे बालुयप्पभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा। सत्त भंते! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवाएग रयणप्पभाएछ सक्करप्पभाए हाज्जा एव एएण कर्मण जहा छण्ड दुयासजागा तहा सत्तण्हाव भा अम्भहिओ संचारिज्जइ, सेसं तं चेच, तियासंजोगो चउक्कसंजोगो पंचगसंजोगो छकसंजोगो य छण्डं जहा वहा सत्तण्हवि भाणियब्वं, नवरं एक्केक्को अभाहिओ संचारेयब्बो जाच छक्कगसंजोगो अहवा दो सक्कर० एगे वालय जाप एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहया एगे रयण एगे सक्कर जाव एगे आहेसत्तमाए होज्जा। अट्ठ भंते ! नेरतिया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! स्यणप्पभाए पा होजा जाय अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण सत्त सक्करप्पभाए होज्जा एवं दुयासंजोगो जाय छक्कसंजोगो य जहा सत्तण्हं भणिओ तहा अट्ठण्डवि भाणियव्यो नवरं एक्केक्को अभहिओ संचारेयव्यो, सेसं तं चेव जाव छक्कसंजोगस्स अहवा तिनि सक्कर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जाव एगे तमाए दो अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण जावदो तमाए एगे अहेसत्तमाए होज्जा एवं एगे सक्कर० जाव एगे अहेसत्तमाए होज्जा। नव मंते ! नेरतिया नेरतियपवेसणएणं पविसमाणा किं० पुच्छा, गंगेया! रयणप्पभाए वा होज्जा जाब अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एग रयण अट्ठ सक्करप्पभाए हाजा, एवं दुयासजागा जाव सत्तगसंजांगों य, जहा अट्टण्हं भणियं तहा नवपि भाणियव्यं नवरं एक्केक्को अब्भहिओ संचारेयध्यो, सेसं तं चेव पच्छिमो आलावगो अहवा तिन्नि रयण० एगे सकर० एगे वालुय० जाव एगे अहेसत्तमाए वा होजा। दस भंते ! नेरइया नेरइयपवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयणपभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयणप्पभाए नव सकरप्पभाए होजा एवं दुयासंजागो जाव सत्तगसंजोगों य जहा नवण्हं नवरं एकेको अम्भाहिआ संचारयव्या सेसं तं चेव पच्छिमआलावगो अहवा चत्तारि रयण० एगे सकरपभाए जाव एगे अहेसत्तमाए होजा। संखेज्जा मंते! नेरइया नेरइयप्पवेसणएणं पविसमाणा० पुच्छा, गंगेया ! रयणप्पभाए वा होज्जा जाव अहेसत्तमाए वा होज्जा अहवा एगे रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा एगे रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा दो रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए वा होज्जा एवं जाव अहवा दो रयण० संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अवा विन्नि रयण संखेज्जा सकरप्पभाए होज्जा एवं एएणं कमेणं एक्केक्को संचारेयव्यो जाव अहवा दस रयण संखेज्जा सक्करप्पभाए होज्जा एवं जाव अहवा दस रयण संखेज्जा अहेसत्तमाए होज्जा अहया संखेजा रयण संखेजा सक्करप्पभाए होजा जाव अहवा संखेजा रयणप्पभाए संखेजा अहेसत्तमाए होजा अहवा एगे सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा एवं जहा रयणप्पभा उवरिमपुढवीहिं समं चारिया एवं सक्करस्पभावि उवरिमपुढवीहिं समं चारेयव्वा, एवं एक्केक्का पुढवी उवरिमपुढचीहिं समं चारेयब्बा जाव अहवा संखेज्जा तमाए संखेज्जा आहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होजा अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेजा पंकप्पभाए होजा जाव अहवा एगे रयण० एगे सक्कर० संखेजा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा अहवा एगे रयण दो सक्कर० संखेजा अहेसत्तमाए होज्जा अहवा एगे रयण तिन्नि सक्कर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा, एवं एएणं कमेणं एक्केक्को संचारेयवो अहवा एगे रयण संखेज्जा सकर० संखेज्जा वालुयप्पभाए होज्जा जाव अहवा एगे रयण० संखेज्जा वालुय० संखेज्जा अहेसत्तमाए २५० श्रीभगवत्यंगं-स:०७ मुनि दीपरत्नसागर FRHASYCHISPENSPIRABPRAMPIESSPHORAHINICANASPASMISHRA98SARSHEHRIPENOPANEPRABHICHRIPRASHTRA

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