Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar
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सियत्ताए उववन्ने ।३८६। तए ण से भगवं गोयमे जमालिं अणगारं कालगय जाणित्ता जेणेच समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छन् त्ता समणं भगवं महावीरं वदति नमसति त्ता एवं वयासी-एवं खल देवाणप्पियाणं अंतेवासी कुसिस्से जमालिणाम अणगारे से ण भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किचा कहिं गए कहिं उवषमे ?, गोयमादि समणे भगवं महावीरे भगवं गोयम एवं वयासी-एवं खलु गोयमा ! ममं अंतेवासी कुसिस्से जमाली नाम से णं तदा मम एवं आइक्खमाणस्स० एयम४ णो सहहह एयमढे असहहमाणे० दोचंपि मम अंतियाओ आयाए अवकमहत्ता बहुहिं असम्भावुम्भावणाहिं व चेव जाब देवकिब्बिसियत्ताए उववन्ने । ३८७। कतिविहा णं भंते ! देवकिब्बिसिया पं०, गोयमा ! तिषिहा देवकिचिसया पं० तं-तिपलिओवमट्टिइया तिसागरोवमट्टिया तेरससागरोवमहिइया, कहिं णं भंते ! विपलिओवमद्वितीया देवा देवकिदिबसिया परिवसंति ?, गोयमा! उप्पिं जोइसियानं हिदि सोहम्मीसाणेसुकप्पेसु एत्थणं तिपलिओवमट्टिइया देवकिञ्चिसिया देवा परिवसंति,कहिंणं भंते ! तिसागरोवमट्टिइया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति?,गोयमा! उप्पिं सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं हिदि सर्णकुमारमाहिदेसु कप्पेसु एत्य णं तिसागरोवमट्ठितिया देवकिग्विसिया देवा परिवसंति, कहिण भंते ! तेरससागरोवमहिइया देवकिब्बिसिया देवा परिवसंति?, गोयमा ! उप्पि बंभलोगस्स कप्पस्स हिहिलंतए कप्पे एत्थ णं तेरससागरोवमद्वितिया देवकिञ्चिसिया देवा परिवसंति, देवकिदिबसिया णं भंते ! केसु कम्मादाणेसु देवकिब्बिसियत्ताए उववत्तारो भवति?, गोयमा! जे इमे जीवा आयरियपडिणीया उवज्झायपडिणीया कुलपडिणीया गणपडिणीया संघपडिणीया आयरियउवज्झायाणं अयसकरा अवनकरा अकित्तिकरा बहूहिं असम्भावुम्भावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेहि य अप्पाणं च० बुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा बहूई वासाई सामनपरियागं पाउणंति त्ता वस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किच्चा अनयरेसु देवकिञ्चिसिएसु देवकिञ्चिसियचाए उववत्तारो भवंति, तं०-विपलिओवमट्टितीएसु वा तिसागरोवमट्टितीएसु वा तेरससागरोवमट्टितीएसु वा, देवकिन्चिसिया णं भंते! ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिबक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता कहिं गच्छंति कहिं उबवज्जति?, गोयमा ! जाव चत्तारि पंच नेरइयतिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवग्गहणाई संसारं अणुपरियहिता तो पच्छा सिझंति बुझंति जाव अंतं करेंति, अत्यंगड्या अणादीयं अणवदग्गं दीहमदं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियति, जमाली णं भंते! अणगारे अरसाहारे विरसाहारे अंताहारे पंताहारे लहाहारे तुच्छाहारे अरसजीवी विरसजीवी जाव तुच्छजीवी उबसंतजीवी पसंतजीवी विवित्तजीवी !, हंता गोयमा ! जमाली णं अणगारे। अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी, जति णं भंते! जमाली अणगारे अरसाहारे विरसाहारे जाव विवित्तजीवी कम्हा णं भंते ! जमाली अणगारे कालमासे कालं किच्चा लंतए कप्पे तेरससागरोवमद्वितिएम देवकिबिसिएम देवेसु देवकिपिसियत्ताए उवयो ?, गोयमा! जमाली णं अणगारे आयरियपडिणीए उवझायपडिणीए आयरियउवज्झायाणं अयसकारए। जाव वुष्पाएमाणे जाव बहूई वासाई सामनपरियागं पाउणित्ता अद्धमासियाए संलेहणाए वीसं भत्ताई अणसणाए छेदेति त्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकते कालमासे कालं किया लंवए कप्पे जाव उपवने । ३८८ा जमाली णं भंते ! देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं जाव कहिं उपवविहिइ ?, गोयमा ! चत्तारि पंच तिरिक्खजोणियमणुस्सदेवभवम्गहणाई। | संसार अणुपरियट्टित्ता तओ पच्छा सिज्झिहिति जाव अंतं काहेति। सेवं भंते २त्ति ।३८९। जमाली समत्तो॥श०९ उ०३३॥ तेणं कालेणं० रायगिहे जाव एवं वयासी-पुरिसे
भंते! पुरिस हणमाणे किं पुरिसं हणइ नोपुरिसे हणइ !, गोयमा! परिसंपि हणइ नोपुरिसेऽवि हणति, से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ पुरिसंपि हणइ नोपुरिसेऽवि हणइ?, गोयमा! तस्स कणं एवं भवइ एवं खलु अहं एग पुरिस हणामि से णं एग पुरिसं हणमाणे अणेगजीवा हणइ, से तेणद्वेणं गोयमा! एवं बुच्चइ पुरिसंपि इणइ नोपुरिसेऽवि हणति, पुरिसे णं भंते! आसं
हणमाणे किं आसं हणइ नोआसेऽवि हणइ', गोयमा ! आसंपि हणइ नोआसेऽवि हणइ, से केणडेणं ०?, अट्ठो तहेच, एवं हत्यि सीह वग्धं जाव चिल्ललगं, एए सब्वेवि एकगमा, परिसे णं भंते ! इसिं हणमाणे किं इसि हणइ नोइमिणो हणइ ?, गोयमा ! इसिपि हणइ नोइसिणोऽवि०, से केणोणं भंते! एवं बुबइ जाच नोइसिणोऽविहणह?, गोयमा! तस्स णं एवं भवद एवं खलु अहं एग इसिं हणामि, सेर्ण एग इसि हणमाणे अणंते जीवे हणइ, से तेणतुणं निक्खेवओ, पुरिसे णं भंते ! परिसं हणमाणे किं परिसबेरेणं पुढे मोपरिसवेरेणं पुढे?, गोयमा! | नियमा ताव पुरिसवेरेणं पुढे अहवा पुरिसवेरेण य गोपुरिसवेरेण य पुढे अहवा पुरिसबेरेण य नोपुरिसवेरेहि य पुढे, एवं आसं एवं जाव चिल्ललग जाव अहवा चिाउलगवेरेण य णोचिाललगवेरेहि य पुढे, पुरिसे णं मंते ! इसिं हणमाणे किं इसिवेरेणं पुढे नोइसिवरेणं० ?, गोयमा! नियमा इसिवरेण य नोइसिवेरेहि य पुढे । ३९०। पुढवीकाइया णं भंते! पुढवीकार्य चेव आणमंति वा पाणमवि वा ऊससंति वा नीससंति वा ?, हंता गोयमा ! पुढविक्काइए पुढविकाइयं चेव आणमंति वा जाव नीससंति वा, पुढवीकाइए णं भंते! आउकाइयं आणमंति वा जावनीससंतिवा?, इंता गोयमा ! पुढविकाइए आउकाइयं आणमंति वा जाव नीससंति वा, एवं उक्काइयं वाउकाइयं एवं वणस्सइकाइयं, आउकाइए णं भंते ! पुढवीकाइयं आणमंति २६१ श्रीभगवत्यंग-स s
मुनि दीपरत्नसागर
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