Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 148
________________ एयमटुं जा पा ?. हंता गोयमा ! जहा णं वयं एयमहूँ जाणामो पासामो तहा अणुत्तरोववाइयावि देवा एयमटुं जा पा०, से केणटेणं जाव पासंनि?, गोयमा ! अणुनरोववाइया. णं अणंताओ मणोदव्यवग्गणाओ लद्धाओ पत्ताओ अभिसमन्नागयाओ भवंति से तेणट्टेणं गोयमा! एवं वृचइ जाव पासंति। ५२१ । कइबिहे गं भंते! तुहुए पं०?, गोयमा ! बिहे तुड़ए पं० तंदवतुइए खेत्ततुङए कालतुल्लए भवतुल्लए भावतुलए संठाणतुल्लए, मे केणतुणं भंते! एवं बुचइ-दव्यतुहुए २१, गोयमा! परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलस्स दव्वओ तुड़े परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गलबइरित्तस्स दब्बओ णोतुड़े, दुपएसिए खंधे दुपएसियस्स खंधस्स दवओ तुले दुपएसिए खंधे दुपएसियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णोतुडे, एवं जाव इसपएसिए, तुसंखेजपएसिए खंधे तुलसंखेजपएसियस्स खंधस्स दब्बओ तुड़े तुसंखेजपएसिए बंधे तुनुसंखेजपएसियवइरिनस्स खंधस्म दब्बओ णोतुडे, एवं नाइअसं - खेजपएसिएऽवि.एवं तुडअर्णतपएसिएऽवि, से तेणठेणं गोयमा! एवं बच्चइ दब्बतुहुए २,से केणट्टेणं भंते ! एवं वाइ-खेननुलुए २१. गोयमा! एगपए ढस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुड़े एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढवइरित्तस्स पोग्गलस्स खेतओ णोतुडे, एवं जाव इसपएसोगाढे, तुसंखेज्जपएसोगाढे तुसंखेज एवं तुलुअसंखेजपएसोगाढेऽवि. से तेणठेणं जाव खेत्तताइए २, से केणतुणं भंते ! एवं बुच्चइ-कालताइए २१, गोयमा एगसमयठिनीए पोग्गले एग कालओ तुड़े एगसमयठितीए पोग्गले एगसमयठितीबइरित्तस्स पोग्गलस्स कालओ णोतुड़े एवं जाव दससमयद्वितीए, तुलसंखेज्जसमयठितीए एवं चेच, एवं तु असंखेजसमयदिठतीएऽवि. से तेणट्टेणं जाव कालतुए २.से केण - टेणं भंते ! एवं बुच्चइ-भवतुाइए २१. गोयमा ! नेरइए नेरइयस्स भयट्टयाए तुड़े नेरइए नेरइयवइरिनस्स भवठ्ठयाए नोतुडे, निरिक्खजोणिए एवं चेव, एवं मणुस्से, एवं देवेऽवि. से नेणट्टेणं जाव भवतुलए २, से केणडेणं भंते ! एवं वृथाइ भावताइए २१, गोयमा! एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालयस्स पोग्गलस्स भावओ तुाडे एगगुणकालए पोग्गले एगगुणकालगवइरिनस्स पोग्गलस्स भावओ णोताते, एवं जाच दसगुणकालए, एवं तुाइसंखेजगुणकालए पोग्गले, एवं तुल्लअसंखेजगुणकालएऽवि. एवं नुल्लअणंतगुणकालएऽवि, जहा कालए एवं नीलए लोहियए हालिंद मुकिल्लए, एवं सुम्भिगंधे, एवं दुग्भिगंधे, एवं नित्ते जाय महुरे, एवं कक्खडे जाव लुक्खे, उदइए भावे उदइयस्स भावस्स भावओ तुल्ले उदइए भावे ममिएखाइए खओवसमिए पारिणामिए० संनिवाइए भावे सॉनवाइयस्स भावस्स०, से तेणतुणं गोयमा ! एवं बचा. भावतुल्लए २. से केणद्वेणं भंते ! एवं बुचइ- संठाणतुल्लए २१, गोयमा ! परिमंडले संठाणे परिमंडलस्स संठाणस्स संठाणओ लुल्ले परिमंडलसंठाणवइरित्तस्स संठाणओ नोतुल्ले. एवं बडे नसे७ चउरंसे. आयए०, ममचउरंससंठाणे समचउरंसम्म संठाणस संठाणओ तुल्ले समचउरंसे संठाणे समचउम्ससंठाणवइरित्तस्स संठाणस्स संठाणओ नोतुल्ले. एवं जाव हंडे. से तेण जाव संठाणनुल्लए २१५२२। भत्नपचक्वायए णं भंते ! अणगारे मुच्छिए जाय अज्झोचवन्ने आहारमाहारेति अहे णं बीससाए कालं करेति तओ पच्छा अमुच्छिए अगिद्दे ना जाब अणज्झोपवने आहारमाहारेति ?, हंता गोयमा ! भत्तपचक्वायए णं अणगारे तं चेच, से केण?णं भंते! एवं बु०-भत्नपचक्खायए ण तं चेव?. गोयमा! भत्तपचक्खायए णं अणगारे जाव अज्झोक्यन्ने भवइ अहे णं वीससाए कालं करेइ नओ पच्छा अमुच्छिए जाव आहारेइ से तेणट्टेणं गोयमा ! जाय आहारमाहारेति ।५२३। अस्थि णं भंते ! लवसत्तमा देवा २१, हंता अन्थि, मे केणतुणं भंते ! एवं चुचह- लवमत्तमा देवा २१, गोयमा! से जहानामए-केई पृरिसे तरुणे जाव निउणसिप्पोवगए सालीण वा बीहीण वा गोधूमाण वा जवाण या जवजवाण या पकाणं परियाताणं हरियाणं हरियकंडाणं तिक्खेणं णवपजणएणं असिअएणं पांडसाहरिया२पतिसंखिविया २जाय इणामेव२त्तिकट सत्तलवए लण्जा. जति णं गोयमा! तेसि देवाणं एवनियं कालं आउए पहुप्पने तो णं ने देवा नेणं चेव भवग्गहणणं सिज्झता जाव अंतं करेंता, से तेणट्टेणं जाव लवसत्तमा देवा २१५२४। अस्थि णं भंते! अणत्तरोववाड्या देवा २१.हंता अस्थि, से फेणडेणं भंते! एवं माइ०, गोयमा ! अनुत्तरोबवाइयाणं देवाणं अणुत्तरा सहा जाय अणुत्तरा फासा, से तेणद्वेण गोयमा! एवं बुचइ जाव अपनरोक्वाइया देवा २, अणुनरोदवाइया णं भंने ! देवाणं केवनिएणं कम्मावसेसेणं अणुनरोक्वाइयदेवत्ताए उववन्ना?, गोयमा! जावतिय छट्ठभत्तिए समणे निग्गंधे कम्मं निजरेति एतिएणं कम्मायसेसेणं अणुनरोदवाइया देवा देवनाए उववन्ना। सेवं भंतःनि। ५२५ ॥ श०१४ उ०७॥ इमीसे णं भंते ! स्यणप्पभाए पुढबीए सकरप्पभाए य पुढवीए केवतियं अचाहाए अंतरे पं०?, गोयमा! असंखेजाई जोयणसहस्माई अचाहाए अंतरे पं०, सकरप्पभाए णं भंते ! पुढवीए वालयप्पभाए य पुढवीए केवतियं०१. एवं चेय. एवं तमाए अहेसत्तमाए य, अहेसत्तमाए णं भंते ! पटवाए अलोगम्म य केवतियं आचाहाए अंतरे पं०१. गोयमा! असंखेज्जाई जोयणसहस्साई आबाहाए अंतरे पं०, इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए जोतिसस्स केतिय पुच्छा, गोयमा ! सत्तनउए जोयणसए आचाहाए अंतरे पं०,जोतिसस्स णं भंते ! सोहम्मीसाणाण य कप्पाणं केवतियं पुच्छा.गोयमा! असंखेजाई जोयण जाव अंतरे पं०. सोहमीसाणाणं भंते ! सणंकुमारमाहिंदाण य केवतियं, एवं चेव, सणकुमारमाहिंदाणं भंते ! भलोगस्स कप्पस्स य केवतियं०?.एवं चेच. बमलोगस्स भंते। संतगम्स (७६) ३०४ श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर

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