Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar
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तेसिं पणिहाए नो पभू, से तेणटेणं अजो! एवं बुचइ-नो पभू चमरे असुरिंदे जाव राया चमरचंचाए जाव विहरित्तए, पभू णं अज्जो ! चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्ठीए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए जात अन्नेहिं च बहूहिं असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य सदि संपरिबुडे महयाऽऽहय जाव भुंजमाणे विहरित्तए, केवलं परियारिड्ढीए नो चेव णं मेहुणवत्तियं । ४०४। चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमाररनो सोमस्स महारबो कति अग्गमहिसीओ पं०?, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त० कणगा कणगलया चित्तगुत्ता वसुंधरा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगमेगं देविसहस्सं परिवारो पं०, पभू णं भंते ! ताओ एगमेगाए देवीए अन्नं एगमेगं देवीसहस्सं परियारं विउव्बित्तए?, एवामेच सपुव्वावरेणं चत्तारि देविसहस्सा, सेत्तं तुडिए. पभू णं भंते ! चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो सोमे महाराया सोमाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए सोमंसि सीहासणंसि तुडिएणं अवसेसं जहा चमरस्स, नवरं परियारो जहा सूरियाभस्स, सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहुणवत्तियं, चमरस्स णं भंते ! जाब रनो जमस्स महारनो कति अग्गमहिसीओ, एवं चेव नवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स, एवं वरुणस्सवि, नवरं वरुणाए रायहाणीए, एवं वेसमणस्सवि, नवरं बेसमणाए रायहाणीए, सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं, बलिस्स णं भंते! वइरोयणिंदस्स०? पुच्छा, अजो ! पंच अग्गमहिसीओ पं० त०-सुभा निसुंभा रंभा निरंभा मदणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ सेसं जहा चमरस्स, नवरं बलिचंचाए रायहाणीए, परियारो जहा मोउद्देसए, सेसं तं चेव जाव मेहुणवत्तियं, बलिस्स णं भंते ! वइरोयर्णिदस्स वइरोयणरनो सोमस्स महारनो कति अम्गमहिसीओ पं०१, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-मीणगा सुभद्दा विजया असणी, तत्य णं एगमेगाए देवीए सेसं जहा चमरसोमस्स, एवं जाव वेसमणस्स, धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स नागकुमाररनो कति अग्गमहिसीओ पं०?, अज्जो! छ अम्गमहिसीओ पं० २०-इला सुक्का सत्तेरा सोदामणी इंदा घणविज्जुया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए छ छ देविसहस्साइं परिवारो पं०. पभू णं भंते ! ताओ एगमेगाए देवीए अन्नाई छ छ देविसहस्साई परियारं विउवित्तए? एवामेव सपुब्बावरेणं छत्तीसं देविसहस्साई, सेत्तं तुडिए, पभू णं भंते ! धरणे सेसं तं चेव, नवरं धरणाए गयहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परियारो सेसं तं चेव, धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिदस्स कालवालस्स महारन्नो कति अग्गमहिसीओ पं०१, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए अवसेसं जहा चमरस्स लोगपालाणं, एवं सेसाणं तिण्हवि, भूयाणंदस्स णं भंते ! पुच्छा, अबो ! छ अग्गमहिस्सीओ पं० त० रूया रूयंसा सुरूया रुयगावती रुयकता रुयप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा धरणस्स, भूयाणंदस्स णं भंते ! नागवित्तस्स पुच्छा, अजो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-सुणंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं, एवं सेसाणं तिष्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिडाणिंदा तेसिं जहा धरणिंदस्त, लोगपालाणंपि तेसिं जहा धरणस्स लोगपालाणं, उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणवि तेसि
i, नवरं इंदाणं सबोर्सि रायहाणीओ सीहासणाणि य सारसणामगाण, परियारो जहा मोउद्देसए, लोगपालाणं सबर्सि रायहाणीओ सीहासणाणि या सरिसनामगाणि परियारो जहा चमरस्स लोगपालाणं, कालस्स णं भंते ! पिसायिंदस्स पिसायरन्नो कति अग्गमहिसीओ पं०१, अज्जो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए एगभगं देविसहस्सं सेसं जहा चमरलोगपालाणं, परियारो तहेव, नवरं कालाए रायहाणीए कालंसि सीहासणंसि, सेसं तं चेव, एवं महाकालस्सवि, सुरूवस्स णं भंते ! भूइंदस्स भूयरनो पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अगमहिसीओ पं० त०-रूववती बहुरूवा सुरुवा सुभगा, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं पडिरुवस्सवि, पुग्नभहस्स णं भंते ! जक्खिदस्स पुच्छा, अजो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं० तं०- पुना बहुपुत्तिया उत्तमा तारया, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं माणिभहस्सवि, भीमस्स णं भंते ! रक्खसिंदस्स पुच्छा, अजो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं०२०-पउमा पउमावती कणगा रयणप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं महाभी. मस्सवि, किन्नरस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-वडेंसा केतुमती रतिसेणा रइप्पिया, तत्थ णं सेसं तं चेव, एवं किंपुरिसस्सवि, सप्पुरिसस्स णं पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं०२०-रोहिणी नवमिया हिरी पुष्फवती, तत्थ णं एगमेगा० सेसं तं चेव, एवं महापुरिसस्सवि, अतिकायस्स णं पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० त०-भुयंगा भुयंगवती महाकच्छा फुडा, तत्थ णं सेसं तं चेच, एवं महाकायस्सवि, गीयरइस्सणं भंते! पुच्छा, अज्जो! चत्तारि अम्गमहिसीओ पं० त०-सुघोसा विमला सुस्सरा सरस्सई, तत्थ पं० सेसं तं चेव, एवं गीयजसस्सवि, सव्वेसिं एएसिं जहा कालस्स, नवरं सरिसनामियाओ रायहाणीओ सीहासणाणि य, सेसं तं चेव, चंदस्स णं भंते! जोइ. सिंदस्स जोइसरमो पुच्छा, अजो! चत्तारि अग्गमहिसीओ पं० तं०-चंदप्पभा दोसिणाभा अचिमाली पभंकरा, एवं जहा जीवाभिगमे जोइसियउसए तहेव, सूरस्सवि सूरप्पभा आय२६५ श्रीभगवत्यंग - -१०
मुनि दीपरत्नसागर
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