Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 71
________________ THISPRSIC%85%EPICMASHEMISPEEMBYAASPIRNSPHOROPERMISSMASHRSS-SKOPIESSPACLOPEMBPTEASPIRINEPAL मणप्पयोगपरिणया वा एवं एकगसंयोगो यासंयोगो तियासंयोगो भाणियब्बो, जइ मणप्पयोगपरि० किं सचमणप्पयोगपरिणया. 2. गोयमा ! सचमणप्पयोगपरिणया वा जाव असचामोसमणप्पयोगपरिणया वा, अहया एगे सचमणप्पयोगपरिणए दो मोसमणप्पयोगपरिणया वा, एवं दुयासंयोग तियासंयोगो भाणियब्चो, एस्थचि तहेव जाव अहवा एगे तंससंठाणपरिणए वा एगे चउरंससंठाणपरिणए वा एगे आययसंठाणपरिणए वा। चत्तारि भंते! दव्वा किं पओगपरिणया०, गोयमा! पयोगपरिणया वा मीसापरिषया बा बीससापरिणया या, अहवा एगे पओगपरिणए तिन्नि मीसापरिणया अहवा एगे पओगपरिणए तिनि वीससापरिणया अहवा दो पयोगपरिणया दो मीसापरिणया अहवा दो पयोगपरिणया दोवीससापरिणया अहवा तिनि पओगपरिणया एगे मीससापरिणए अहवा तिन्नि पओगपरिणया एगे वीससापरिणए अहवा एगे मीससापरिणए निजि वीससापरिणया अहवा दो मीसापरिणया दो चीससापरिणया अहवा तिन्नि मीसापरिणया एगे बीससापरिणए अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए दो वीससापरिणया अहवा एगे पयोगपरिणए दो मीसापरिणया एगे वीससापरिणए अहवा दो पयोगपरिणया एगे मीसापरिणए एगे चीससापरिणए, जइ पयोगपरिणया कि मणप्पयोगपरिणया, एवं एएणं कमेणं पंच छ सन जाप दस संखेज्जा असंखेजा अणता य दया भाणियव्या, दुयासंजोएणं तियासंजोएणं जाच दससंजोएणं बारससंजोएणं उवजुजिऊण जत्य जत्तिया संजोगा उद्वेति तत्थ ते सब्वे भाणियब्वा, एए पुण जहा नवमसए पवेसणए भणिहामि तदा उचजुजिऊण भाणियब्वा जाव असंखेज्जा, अर्णता एवं चेव, नवरं एकं पदं अभहियं जाब अहवा अणंता परिमंडल गया जावअणता आययसठाणपारणया।३१३। एएस ण भत! पागलाण पयागपरिणयाण मासापरिणयाण बाससापरिणयाण यकयरेराहतो जाव चिमेसाहिया वा.. गोयमा ! सव्वत्थोवा पोग्गला पयोगपरिणया मीसापरिणया अणंतगुणा बीससापरिणया अणंतगुणा । सेवं भंते ! सेवं भंते त्ति । ३१४॥ श०८ उ०१॥ कतिविहा णं भंते ! आसीविसा पं०१. गोयमा ! दुबिहा आसीविसा पं० सं०- जातिआसीविसा य कम्मआसीविसा य, जाइआसीविसा णं भंते! कतिविहा पं०१. गोयमा! चउब्विहा पं० २०-विच्छुयजातिआसीबिसे मंडकजाइआसीविसे उरगजातिआसीविसे मणुस्सजातिआसीपिसे, विच्छ्यजातिआसीविसस्स णं भंते ! केवतिए विसए पं०१, गोयमा पभूर्ण विच्छ्यजातिआसीविसे अदभरहप्पमाणमेनं बॉदि विसेणं विसपरिगयं विसट्टमाणि पकरेत्तए, विसए से विसट्टयाए नो चेव णं संपनीए करेंसु वा करेति वा करिस्सति या, मंडुकजातिआसीविसपुच्छा, गोयमा! पभू णं मंडुक्कजातिआसीबिसे भरहप्पमाणमेत्तं बॉदि बिसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाच करेस्सति चा, एवं उरगजातिआसीविसस्सवि नवरं जंबुद्दीवपमाणमेनं बॉदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाच करेस्सति वा, मणुस्सजातिआसीविसस्सवि एवं चेव नवरं समयखेत्तप्पमाणमेतं बोंदि विसेणं विसपरिगयं सेसं तं चेव जाव करेस्सति या, जड़ कम्मआसीविसे किं नेयकम्मासीविसे तिरिक्वजोणियकम्मआसीविसे मणुस्सकम्मआसीविसे देवकम्मासीविसे ?, गोयमा! नो नेरइयकम्मासीविसे तिरिक्खजोणियकम्मासीविसेऽवि मणुस्मकम्मा० देवकम्मासी०, जइ तिरिखजोणियकम्मासीविसे किं एगिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे जाव पंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीबिसे ?, गोयमा ! नो एगिदियतिरिक्वजोणियकम्मासीविसे जाच नो परिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे पंचिंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे, जइ पंचिंदियतिरिक्वजोणियकम्मासीविसे किं समुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे गम्भवतियपंचिदियतिरिक्खजोणियकम्मासीविसे ?, एवं जहा बेउब्वियसरीरस्स भेदो जाव पजत्तसंखेजवासाउयगम्भवकतियपंचिदियतिरिक्सजोणियकम्मासीविसे नो अपज्जत्तसंखेजवासाउय कम्मासीविसे, जइ मणुस्सकम्मासीविसे किं समुच्छिममणुस्सकम्मासीविसे गम्भवकंतियमणुस्सकम्मासीविसे ?, गोयमा ! णो संमृच्छिममणुस्सकम्मासीविसे गम्भवकनियमणुस्सकम्मासीविसे एवं जहा बेउब्वियसरीरं जाव पजत्तसंखेजवासाउयकम्मभूमगगम्भवतियमणूसकम्मासीविसे नो अपजतजावकम्मासीविसे, जर देवकम्मासीविसे किं भवणवासिदेवकम्मासीबिसे जाब येमाणियदेवकम्मासीविसे ?, गोयमा! भवणवासिदेवकम्मासीविसे वाणमंतर जोतिसिय० बेमाणियदेवकम्मासीविसे, जइ भवणचासिदेवकम्मासीविसे से कि अमुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसे जाव थणियकुमारजावकम्मासीविसे ?, गोयमा! असुरकुमारभवणवासिदेवकम्मासीविसऽविजाब थणियकुमार आसीबिसेऽपि, जइ असुरकुमारजाचकम्मासीविसे किं पजत्तअसुरकुमारजावकम्मासीविसे अपजत्तअसुरकुमारभवणवासिकम्मासीविसे ?, गोयमा! नो पजत्तअसुरकुमारजावकम्मासीविसे अपजत्तअसुरकुमारभवणवासिकम्मासीविसे एवं जाच थणियकुमाराणं, जइयाणमंतरदेवकम्मासीविसे किं पिसायवाणमंतर० एवं सव्वेसिपि अपज्जनगाणं, जोइसियाण सब्वेसिं अपजत्तगाणं, जइवेमाणियदेवकम्मासीविसे किं कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीबिसे कप्पातीयवेमाणियदेवकम्मासीबिसे ?, गोयमा! कप्पोवगयेमाणियदेवकम्मासीबिसे नो कप्पातीयवेमाणियदेवकम्मासीविसे, जइ कप्पोवगवेमाणियदेवकम्मासीविसे कि सोहम्मकप्पोवजावकम्मासीविसे अचुयकप्पोवजावकम्मासीविसे ?, गोयमा! सोहम्मकप्पोवगवेमा२२७श्रीभगवत्यंग-सत मुनि दीपरत्नसागर

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