Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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२७-९८३
२७-९२६
औ०१९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥२३॥
२७-५७२ २४-१८
सूर्य०/२३
चं०/२४ जं० २५ | नि० २६ प्रकी०२७
खित्ताणु सम्ब० पुग्गला २२-९१० गाविम्भमाइए हि
२७-८३० | गरुलोऽकि बेणुदेवो " , पुढविका० २२-८८० गच्छइ सविलासगई २७-८२३ गहदिणा उ मुहुत्ता
पांचदिया २२-८७सू० गच्छायारं सुणिसाणं २७-८४६ गंगए वालुयाए खीरदगेच्छुरसेसुं २७-१९६ गच्छो महाणुभावो
२७-७६० गंधच अग्गिवेसे खीरासवमहुआसव २७-३४ गणसंगहणं कुजा
२७-८७३ खीरोदण समुई २१-१८३मू०
२७-८८६ गिाह विजापडिएण व स्त्रीलगदामणि एगा २५-११०
२७-९२२ गीयत्थस्स उ बयणेणं खुजाचिलाइवामणि
| गणि.अस्स य उप्पत्ती २५-३० गीयत्ये जे सुसंविग्गे खुट्टो वुड्डो तहा सेहो
गणि गोअम जा उचियं २७-८२१ | गुट्ठयपाओवगओ | खेत्ताणुवाएणं सब २२-८२सू० गति टिइभवे य भासा २२-१९१ गुडे पाओवगओ खेत्ताणु, सब्ब० बिइंदिया २२-८६सू० गतिपरिणामेणं० कति० २२-२८३सू० गुणधारणरूवेणं, खेत्ता सव्व एगिदिया २२-८५सू० गम्भघरयम्मि जीवो
गुत्तीओ समिईओ ,, , नेरइया २२--८३मू० गयपुर कुरुदत्तसुओ २७-१७२७ गुत्तीसमिइउवेओ
भवणवासी २२-८४० | गयगवयखग्गगंडय० २७-१७९२ | गुत्तीसमिइगुणड्डो खेमा खेमपुरा चेव गयवसहसीहअभिसेय
गुष्यरपाओवगओ खेलपडिअमष्पाणं
२७-७७८ गयसुकुमालमहेसी २७-१६६६ | गुरुगुणगुरुणो गुरुणो खोदोदगणं समुई २१-१८५सू० | गरहित्ता अप्पाणं २७-१५७२ | गुरुणा कजमकजे
२७-१३४९ २७-७५३ २७-७५० २७-६६१ २७-४३७
RSANELONEXTRIKOKAKARTA
२७-२०८
२७-७०४ २७-१७२३
२७-७६५
॥२३॥
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