Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 34
________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org चं०२४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ औ०१९/ जंबुहीवे०० जहण्णपए २५-१७६सू० जंबूदीवे गं भंते! कयरे० २१-१९७० जा काइ पत्थषाओ २७-१९८ रा० २०४ , , ताराए०अबाहाए २५-१७१सू० |, ,, भंते ! मंदर० २१-१९६० २७-१४९० जी०२१ , तारारुवस्स २१-२०२० जं मणवयकार हिं २७-५८ ,, तस्स खमा तइया २७-१६६९ प्रज्ञा०२२ .भरहे वासे० सु०२५-२०स० ,, रागदोसमा , पुयभाषिया किर २७-१४०७ ,, भरहप्पमाण २५-१२६९० विस्थीओ पभासंति जामहं जाम दिण पक्ख० २७-७१२ ,, भारहे० काले २५-१८सूरु जं सग्गहम्मि कीरइ जायमाणस्स जं दुक्खं २७-४७२ ., मंदरस्स पव्यय०२५-१३२सू० ,, संठाणं तु इहं जायमित्तस्स जंतुस्स २७-४७९ ,, सूरिआ उदीण २५-१५१सू० | जावदाई दुक्खाई ,,,, उग्गमण २५-१३७५० २७-१२१० जावइआ किर दोसा २७-३८३ २५-१३८सू० , सासयसुहसाहण. २७-२८२ जावइयं किंचि दुई २७-१६३८ रिआर्ण० कि०२५--१.३७सू० | ,, सीसपूरउत्ति २७-५४८ जावइयंमि पमाणंमि २५-४३ ,, सूरिआ० खत्तं २५-१४०सू० ,, सुचिरणवि होहिह २७-२६०५ जायजीवं तिथि २७-३१८ , मंदरस्स० चद०२५-१५७सू० जाई मोग्गर तह जूहिया | जाव य खेमसुमित्वं २७-१३९० २२-२०४ | जाउलगमीलपरिली २२-२५ ,, ,, जंबुद्दीघो २७-९८० जा एस सत्तमी सा उ २७-८५१ |,, सुईन नासह २७-१३८९ , सव्व० सूरमंडले २५-१३३सू० जाओ परञ्चसेणं २७-१६०९ | जावंति केइ ठाणा २७-१४२७ जंबूए णं सुदंसणाए २१-१५३सू० जाओवि अइमाओ २७-२०सू० ], ..., दुक्खा २७-६८७ , लवणे ॥३१॥ For Private and Personal Use Only

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