Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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सूये।२३ चं०/२४
8
औ०१९ रा०२० जी० २१ प्रज्ञा०२२
नि० २६ प्रकी०२७
मं० अत्ताणं संपलख २०-८० तर गं० केसालंकारेण २०-सू० ,, अयभारगं वा २०-६९सू. . केसीकुमारसमणे २०-१९सू०
,, आमियोगिर देथे २०-१५सू. ., चउहि ठाणेहिं चि०२०-६१० ,,, आहोहिया २०-६३सू० .. चत्तारि अग्गमहिसी२०-१५सू० .. मेवाडचे
चत्तारिब सामा० २०-४० ,, इबयाणे वखा २-७२सू०
चंपाप सिंघाड०१९-२७० ., इहं उबबिसामि २०-३५सू.
चिने सारही २०-६०सूल उत्तरपुरस्थिमंग २०- सू. जिणिदामियमण०२०-१६० , उम्मुबबालभावे २०-८४सूर , मखासग्मे २०-९सू० , उपावसासार २०-६७सू. ., , णो आढाति २०-२२०
, गं मागं वलवाह०२०-२सू० तस्स भ मण्बया २५-६८० ,,, एसा पण्णा उपमा २०-६० , , भरहस्स २५-४४० ,,, कामापलिया पं० २०-७७सू० ,,,, कलं पाउपभावाए २०-६२
, विजयस्स २९-१४७मू. ,, णं कृणिमअस्स हवे १९-३२सू. ,, , , सूरियाभस्स २०-६ , कृमिए सुक्खाए १९-३१० ० तहत्ति आनाए २०-१२सून
बरिसे सरुले २०-६८० , ,, तं दिव्वं २०-२५०
तए णं ताओ सुभदा० १९-३७सू०
१९-३३सू० , ० तुझे माणे वा २०-६४सू० ,, तुम इयव्याणं २०-७२सू० ., ते आमिओगीया २०-८सू० .. ते आवाडचिलाया २५-५८सू० ,,,,बहबे वेमाणिया २०-१३सू० ,,, ते मणुआ भरहं २५-४००
तसिं सामाणिय०२०-४२१० ., णे दढपतिण्णे २०-८३१०
गं० दिव्यं देवहि २०-२५० ,, परिसाए जाव २०-२०२० ., पंचागीयपरि० २०-२७सू०
पायत्ताणिया० २०-११सू०
बहवे देवकुमारा २०-२४० ,,, मवसिद्धिप अभ० २०-२१सू० ,, मम अजगस्स २०-७५सू०
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