Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 163
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीउपांगादिविषयानुक्रमे ११ २९ १० निक्खेवओ॥३॥ १२/ ३५ ३० पण्णत्ते ॥४॥ निक्खेवओ।।१।। १४ ३६ २२ सम्मत्तो॥ १५ ३८ २५ " २५| ३९ ५ १२ य ॥२॥ १॥ २६ ॥ इति मूत्रगाथाङ्कमचा ।। २७/ इति निरयावलिकासूत्रस्य सूत्रतद्गाथाक सूचा ॥ ANA निरयावल्या अङ्कसूचा बृहद्विषयानुकमश्च ॥ ८८॥ ११ २४ परिवहति १२ १३ संवड्रेति १२ २४ दाओ ८ हव्वमागच्छति ६ होत्था ८ विहरति १७ ३ निच्छुहावेइ १८ २५ उबवत्ने १९ २ पन्नते १९ ११ भाणियब्बो तहा २० ८ तिमि ॥१॥ २१ ४ ५ निक्खेबओ ॥१॥ 8| २३ २० , ॥२॥ ॥ अथ श्रीनिरयावलिकाया वृहद्विषयानुक्रमः॥ १ राजगृहनगरगुणशीलचैत्यादि वर्णनातिदेशः। २ आर्यसुधर्मवर्णनाद्यनिदेशः केशिवत् । १७, ४२ १५ सम्मत्तं इति सूत्राङ्कसूचा अथ सूत्रगाथाङ्कसूचा १६ परियत्ता ॥१॥ २९ २० ॥१॥ २६ २१ समादहे। | २७ १ समादहे ।। २४ ३७ ३ गंधदेवी य ॥१॥ सम्मत्तो ३ जम्बूस्वामिवर्णनातिदेशः। ४ निरयावलिकाकल्पावतंसिकापुष्पिका. पुष्पचूलिकावृष्णिदशावर्गाः, ॥ | For Private and Personal Use Only

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