Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Jain Pustak Pracharak Samstha
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

View full book text
Previous | Next

Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org | चं०-४ औ०१९ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥२२॥ नि० २६ प्रकी०२७ HARPIRATRAINRNECESS कूणदिकोणलग्गेसु २७-९११ | कोई पुण पावकारी २७-४७१ | कोहेण नंदमाई २७-४२८ केहत्थ सिय विमाणा २७-११७१ | को केण समं जाया २७-२८२२ कोहे माणे माया २२-१९५ केड य हरियविमाणा २७-१९७२ | कोडी वाणउती खलु २४-४४ खइएण व पीएण व २७ १९४ केणं वहा चंदो? २७-१०७० |, बातालीसा २४-४९ खगतुंडभिन्नदेहो २७ १७४४ , बहुति चंदो २१-६७ |, बायालीसा २१-४५ खजूरिपत्तमुंजेण २४-७१ | को दुक्खं पाविजा २७-१४३२ | खमगत्तणनिम्मसो २२-१७५१ केवायाणे ओरालिय० २२-१७७सू० | कोरिटधाउवषिणत्य २७-११७४ खरफरुसककसाए २७-७६३ , भंते ! जंबू० २१-१८७ | को सडणपडणवि किरिण. २७-५४० खरघोडाटाणे २७-८३४ केवड्या व विमाणा २७-९३७ कोसंबीनयरीए २७-६६५ खलिअस्स य तेसि केवतियाणं० कण्ह०२२-३०सू० | कोसायारं जोणी २७-४५८ खंडसिलोगेहि जवो २७-२६२ , भंते ! दीव० २१-१९०सू० | कोहमयमाय २७-४९८ | खंडा जोअण वासा २५-८१ केवलणाणुवउत्ता | कोहस्स व माणस्स व २७-१४२५ | खंडिअसिणेहदामा २७-२६ " नाणुवउत्ता २२-१७० कोहं खमाइ माणं २७-२४२४ | खंते दंते गुत्ते मुत्ते २७-७६२ २७-१२१९ कोहं माणं माय २७-२०१ खामेमि सव्वजीवे २७-१४० केवलिणो परमोही २७-१४९३ खामेमि सव्वसंघ २७-६७७ केवली पं० इमं रयण. २२-३१५सू० कोहाइकसाया खलु २७-१६०८ | खित्तद्धयविच्छिन्ना २७-१२०५ कोइ पढमपाउसंमि २७-९३० । कोहाईण विवागं २७-४२६ | खित्ताणु सव्य तसकाइ० २२-८९सू० ॥२२॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183