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| जीव के असाधारण भाव
| जीव का लक्षण
| जीवों के भेद
इन्द्रियाँ
विग्रहगति
विषय-वस्तु
जन्म और योनि
शरीर
वेद
| आयु अपवर्तन से मरण
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(द्वितीय अध्याय)
कुमा
1-7
8-9
10-14
15-24
25-30
31-35
36-49
53
कुल
7
2
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5
10
6
5
50-52 3
14
1
53
पुछ सख्या
20-26
26-27
28-29
30-31
32-33
33-36
36-40
औपशमिक क्षायिकी भावी मिश्रश्च जीवस्य स्वतत्त्वमौदयिक - पारिणामिकौ च ॥1॥
सूत्रार्थ औपशमिक, क्षायिक, मिश्र, औदायिक और पारिणामिक - ये जीव
के स्वतत्त्व हैं।।1।।
द्विनवाष्टादशैकविंशतित्रिभेदा यथाक्रमम् ||2||
सूत्रार्थ - उक्त पाँच भावों के क्रम से दो, नौ, अठारह, इक्कीस और तीन भेद
हैं || 2 ||
40-41
41
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