Book Title: Tattvartha Sutra
Author(s): Puja Prakash Chhabda
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 239
________________ 216 दसवाँ अध्याय 11 मूल प्रकृति उत्तरप्रकृतियों सख्या 10 | 1] | 2 | 14 | चारित्र मोहनीय - संज्वलन लोभ दर्शनावरण - निद्रा, प्रचला 5 ज्ञानावरण - पाँचों 5 अंतराय 4 दर्शनावरण |- निद्राओं के अलावा शेष 4' - पाँचों 14 72 1वेदनीय 1 गोत्र 70 नामकर्म 1वेदनीय 1 गोत्र 1 आयु 10 नाम कर्म |- कोई भी एक . | - नीच गोत्र | - अन्य स्थानों में क्षय प्रकृतियों के अलावा शेष सभी - कोई भी एक | - उच्च गोत्र - मनुष्यायु | - मनुष्य गति-मनुष्य गत्यानुपूर्वी पंचेन्द्रिय जाति, त्रस, बादर, पर्याप्त, सुभग, आदेय, यशःकीर्ति, तीर्थंकर कुल | 145 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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