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पञ्चम अध्याय
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वर्तनापरिणामक्रियाः परत्वापरत्वे च कालस्य ।।22॥.. सूत्रार्थ-वर्तना, परिणाम, क्रिया, परत्व और अपरत्व - ये काल के उपकार हैं।।22।।
काल का उपकार
वर्तना परिणाम क्रिया परत्व अपरत्व (परिणमन (पर्याय) (हलन - (बहुत (थोड़ा में निमित्त)
चलन) समय समय
लगना) लगना) निश्चय काल का उपकार
व्यवहार काल का उपकार सूत्र क्रमांक 17 से 22 तक का सार - द्रव्यों का उपकार (निमित्त - सहायक)
राजीव पुद्गल धर्म । अधर्म आकाश काल - क्या | परस्पर |1. शरीर | गति | स्थिति अवगाहन 1.वर्तना उपकार में एक | 2. वचन
2. परिणाम (कार्य)| दूसरे का 3. मन
3. क्रिया उपकार | 4. श्वासोन
4. परत्व च्छवास
5. अपरत्व 5. सुख 6.दुख | 7. जीवन
8. मरण किस जीव का जीव पर जीव और जीव और सभी सभी पर द्रव्य जीव पर पुद्गल पर पुद्गल पर पर
। पर
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