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तृतीय अध्याय
___43 नारकियों का वर्णन प्रसंग प्राप्त है। नारकियों का निवास स्थान बताने के लिए लोक, बस नाड़ी एवं अधोलोक का वर्णन यहाँ किया है।
लोक
कहाँ है आकार ऊँचाई लम्बाई चौड़ाई घनफल
(उत्तर-दक्षिण) (पूर्व-पश्चिम) । अलोकाकाश 1) पुरुषाकार सर्वत्र सर्वत्र औसत 343 के मध्य में 2) डेढ़ मृदंगाकार 14 राजू 7 राजू 3.5 राजू घनराजू
(14x7x3.5) . तल में = 7 राजू
मध्य में= 1 राजू ऊर्ध्व लोक का मध्य = 5 राजू
ऊपर = 1 राजू औसत = 7+1+5+1 = 14% 3.5 राजू
त्रस नाही
। लम्बाई चौड़ाई
। निवास
कहाँ हैं
ऊँचाई
लोक के कुछ कम 1 राजू 1 राजू दो से पाँच मध्य में 13 राजू
इन्द्रिय जीव ... सूक्ष्म स्थावर जीव सर्व लोक में ठसाठस भरे हैं एवं त्रस जीव सामान्य रुप से त्रसनाड़ी में ही पाए जाते हैं। .
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