Book Title: Smruti Sandarbh Part 05
Author(s): Maharshi
Publisher: Nag Publishers

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Page 12
________________ [ ५ ] अध्याय प्रधान विषय पृष्ठाङ्क दुष्कर्मणां प्रायश्चित्तवर्णनम् । २६२१ दुष्कर्मों का प्रायश्चित्त वर्णन (६८१-६६५)। कपिलस्मृति का माहात्म्य वर्णन (६६)। कपिलस्कृति की विषय-सूची समाप्त । वाधूलस्मृति के प्रधान विषय नित्यकर्मविधिवर्णनम् २६२३ महर्षियों ने वाधूल मुनि से ब्राह्मणादि के आचार पूछे इस पर नित्यकर्म विधि का वर्णन उन्होंने किया (१-३)। ब्राह्ममुहूर्च में शय्या त्याग कर प्रसन्न मन से हाथ-पैर धोकर भगवत्स्मरण करे (४)। ब्राह्ममुहूर्त में सोनेवाला सभी कर्मों में अनाधिकारी रहता है (५)। प्रातः सन्ध्या तारागण के प्रकाश से लेकर सूर्योदय तक है । अतः तारागण के रहते प्रातः सन्ध्या करे (६)। सायंकाल में आधे सूर्य के अस्त होने के समय सन्ध्या करे (७)। कानों पर यज्ञोपवीत रखकर दिन में और सब सन्ध्याओं में उत्तर की तरफ और रात में दक्षिण की ओर मुँह कर टट्टी पेशाब करे (८)। सारे अङ्गों

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