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[ ४४ ] अध्याय प्रधान विषय
पृष्ठाङ्क वर्णन, योगविधि का वर्णन, उपवास की प्रशंसा
(१-२४२)। ५ रात्रावन्त्ययामे योगकृत्यवर्णनम् २८५१
भगवत्पूजा करने का विधान । योगधर्म का वर्णन । भगवद्भक्त के शीलाचार का निरूपण सभी कर्मों को भगवदर्पण बुद्धि से करनेवाले मनुष्य का जन्म सफल होता है । शास्त्र की प्रशंसा (१-८१ )। .. ॥ शाण्डिल्यस्मृति की विषय-सूची समाप्त ।।
कण्वस्मृति के प्रधान विषय धर्मसारवर्णनम्
२८६० धर्मकर्त्तव्यवर्णनम्
२८६१ नित्यनैमित्तिककर्मणां फलनिर्णयः २८६३ नित्यकृत्यवर्णनम्
२८६५ प्रातःस्मरणे कीर्त्यानां वर्णनम् २८६७ पाने भक्षणेच शब्देकृते प्रायश्चित्तवर्णनम् २८६६
युगभेद से ब्रह्मवेत्ता आदि ऋषियों ने कण्व ऋषि से सनातन धर्मों के विषय में पूछा (१-५)।