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शूरसेन जनपद में जैन धर्म का विकास
इससे तत्कालीन जनसाधारण की स्थिति ज्ञात होती है । वर्तमान समय में यह प्रतिमा राजकीय संग्रहालय में संरक्षित है । 10
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डेम्पियर नगर
मथुरा के प्रमुख द्वार होली दरवाजा के दक्षिण-पश्चिम की ओर डेम्पियर नगर स्थित है। मथुरा के लोकप्रिय कलेक्टर 'डेम्पियर' के नाम पर ‘डेम्पियर नगर’ तथा ‘डेम्पियर पार्क' की स्थापना हुई। वर्तमान समय में 'डेम्पियर पार्क' का नाम 'भगत सिंह पार्क' है I
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यहाँ पर बस सेवा उपलब्ध है । यह कंकाली टीले तक पक्की सड़क जुड़ा है। है । यहाँ से कटरा केशवदेव तक पक्का मार्ग निर्मित है । प्रान्त का अति प्राचीन राजकीय संग्रहालय भी डेम्पियर नगर में ही स्थित है ।
इस स्थान से बाइसवें तीर्थंकर नेमिनाथ की प्रतिमा का खण्डित भाग प्राप्त हुआ है। दायाँ भाग लुप्त है तथा बायीं ओर मस्तक तक बलराम की आकृति का अंकन किया गया है। नीचे का भाग लुप्त हैं यह प्रतिमा मध्यकालीन है । यह हल्के पीले रंग के प्रस्तर खण्ड पर उत्कीर्ण है इसकी ऊँचाई 28 सेंमी. है। वर्तमान समय में यह राजकीय संग्रहालय" में संरक्षित है।
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चौरासी टीला
जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र जैन चौरासी का महत्वपूर्ण स्थान है। मथुरा स्टेशन से 5 किमी. चौरासी क्षेत्र है । इस क्षेत्र पर एक धर्मशाला बनी हुई है।" यह गोवर्धन तक पक्की सड़क से जुड़ा हुआ है।
जम्बूस्वामी ने भगवान महावीर के प्रशिष्य सुधर्मा स्वामी से प्रवज्या लेकर मथुरा के इसी स्थल पर तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया था। उन्हें जैन धर्म का अन्तिम केवलि भी माना गया है । उनकी तपस्या और मोक्ष प्राप्ति का पुण्य स्थल होने से यह जैन धर्मानुयायियों का 'सिद्ध क्षेत्र' कहलाता है। जम्बू स्वामी के प्रभाव में आकर अनेक सद्गृहस्थों के