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शूरसेन जनपद में जैन धर्म के प्रमुख केन्द्र
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दो अन्तरिक्ष देवता हैं। नीच दो सिंहों के मध्य में धर्मचक्र का अंकन है। यह मध्यकालीन है। मथुरा" संग्रहालय में स्थित है।
भूतेश्वर भूतेश्वर से एक चौमुखी मूर्ति का अधोभाग प्राप्त हुआ है। यह प्रतिमा अभिलिखित है। यह कुषाण काल में निर्मित हुई है। यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। प्रतिमा के अभिलेख से ज्ञात होता है कि इसे ऋषिदास की प्रेरणा पर अभिसारिक के भट्टिदामन ने स्थापित कराया था। __ अभिसारिक पेशावर के पास हजारा बताया गया है। भट्टिदामन विदेशी था। जिसने मथुरा आकर जैन धर्म स्वीकार किया था। यह प्रतिमा मथुरा संग्रहालय में स्थित है। __इस प्रतिमा की प्राप्ति से यह ज्ञात हुआ है। कि कुषाण काल में जैन धर्म विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र था। विदेशी अनुयायियों ने जैन धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
महावन
महावन मथुरा जिला सादाबाद की तहसील में स्थित है। यह उत्तरी अक्षांश तथा पूर्वी देशान्तर के मध्य में स्थित है। यमुना नदी के दायें तट पर है। मथुरा के दक्षिण-पूर्व में 12;87 किमी. तथा गोकुल के दक्षिण-पूर्व में 1:16 किमी दूर मथुरा सादाबाद तक पक्की सड़क से जुड़ा हुआ है। यहां तक निजी बसें भी चलती है। ____ महावन से जैन तीर्थकर सुपार्श्वनाथ की मूर्ति की चरण चौकी प्राप्त हुई है। यह लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। चौकी के निम्न भाग पर शेर का अंकन किया गया है। ___ यह अभिलिखित चरण- चौकी है। जिसमें तीर्थकर का नाम अंकित है। यह 11.10 सेंमी; ऊंची प्रतिमा है। इस समय यह मथुरा संग्रहालय में सुरक्षित है।