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शूरसेन जनपद में जैन धर्म के प्रमुख केन्द्र
मोक्ष गली मोक्ष गली मथुरा से 170 ई. में स्थापित वर्धमान महावीर की मूर्ति का भग्नांश प्राप्त हुआ है। इस प्रतिमा पर धर्मचक्र और उपासकों की आकृतियाँ निर्मित है। इस प्रतिमा का अभिलेख अपूर्ण है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह मूर्ति वर्तमान समय में मथुरा संग्रहालय में स्थित है। यह प्रतिमा कुषाणकालीन है। यमुना नदी यमुना नदी से तीर्थंकर प्रतिमा की चरण चौकी का अंशमात्र प्राप्त हुआ है। इस प्रतिमा पर चार पंक्तियों का छोटा सा लेख अंकित है। लेख के अनुसार वर्धमान् की इस मूर्ति की प्रतिष्ठा दल की पत्नी, धर्मदेव की पुत्री ने भवदेव के लिए कराई थी। लेख कुषाणकालीन ब्राह्मी लिपि में लिखित है। ___ यह मूर्ति 23 सेंमी. ऊँची है। यमुना नदी से मिली है तथा वर्तमान में यह मथुरा संग्रहालय में संरक्षित है।' रानीपुरा रानीपुरा मुहल्ला से जिन चरण चौकी का भाग प्राप्त हुआ है। यह हुविष्क के समय का है। इस चौकी के भाग पर सं. 33 (111 ई.) अंकित है। यह वर्तमान में मथुरा संग्रहालय में सुरक्षित है। सरस्वती कुण्ड सरस्वती कुण्ड मथुरा से 1 मील की दूर पर दिल्ली मार्ग पर स्थित है। जिन की बैठी हुई ध्यानस्थ मुद्रा में यह प्रतिमा सरस्वती कुण्ड से मिली है, मस्तक विहिन इस प्रतिमा के वक्ष और हथेली पर प्रतीकों का अंकन किया गया है। यह प्रतीक श्री वत्स है। यह वर्तमान समय में मथुरा संग्रहालय की शोभा वृद्धि कर रही है। यह 21.5 सेंमी. ऊँची हैं