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[ ४८ मिनट तक अर्थात् सामायिक के काल में स्वाध्याय, धर्मचर्चा एवं आत्म ध्यान करना चाहिए ।]
सामायिक पारने की विधि
गुरु-वन्दन - सूत्र - तिक्खुत्तो तीन बार, आचोचना सूत्र - इरियावही एक बार, उत्तरीकरण सूत्र - तस्स उत्तरी एक बार,
आगार सूत्र - अन्नत्थ एक बार,
( पद्मासन आदि से बैठकर या खड़े होकर कायोत्सर्ग करना ।)
कायोत्सर्ग में लोगस्स एक बार,
'नमो अरिहंताणं' पढ़कर ध्यान खोलना,
कायोत्सर्ग में दोषापहार सूत्र एक बार,
प्रगट रूप में लोगस्स एक बार,
(दाहिना घुटना टेककर बायाँ घुटना खड़ा कर, उस पर अंजलिबद्ध दोनों हाथ रखकर ।)
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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