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मणसा, वयसा, कायसा,
ऐसा पहला स्थूल प्राणातिपात विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँरोषवश गाढ़े बन्धन बाँधे हों,
गाढ़े घाव घाले हों,
अंगोपांग का छेदन किया हो, अधिक भार भरा हो,
भक्त - पान का विच्छेद किया हो, तो
जो मे देवसिओ अइयारो कओ
तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
द्वितीय सत्य अणुव्रत
दूसरा अणुव्रत - थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं,
कन्नालीए, गवालीए,
भोमालीए, णासावहारे (थापणमोसो)
झूठ
कूडसक्खिज्जे, इत्यादि मोटके बोलने के पच्चक्खाण, जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं, न करेमि, न कारवेमि,
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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