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आगल नहीं हाट वाणियां,
संबल लीजो रे लार ॥ भूलो. ॥ १० ॥ म्हारो म्हारो धुं कर रह्यो,
थारो कोई न लगार। कुण थारो यूँ केहनो, ___जोवो हिवड़े विचार । भूलो. ॥ ११ ॥ मेमद कहे समझो सहु,
संबल लीजो रे साथ। आपणो लाभ उबारियो,
लेखो साहेब हाथ ॥ भूलो. ॥ १२ ॥
प्रभु नाम स्मरण (तर्ज-मैं तो साफ-साफ कह देता)
ले ले जरा प्रभु का नाम,
तेरे लगे न पैसा दाम ॥ टेर ।। बड़े कठिन से नर तन पाया,
फिर यह उत्तम ठाम। अब तो कमी प्रभु भजन की,
कर ले आतम राम ॥ ले ले. ॥१॥ श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र १३७
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