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दन्त-वाणिजे, केस-वाणिजे, रस-वाणिजे, लक्ख-वाणिजे, विस-वाणिजे, जंतपीलण-कम्मे, निल्लंछणिया-कम्मे, दवग्गिदावणिया-कम्मे, सर-दह-तलाव-सोसणिया-कम्मे, असइजण-पोसणिया-कम्मे,
इन कर्मादानों में से किसी कर्मादान का सेवन किया हो, तो
जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं। | अष्टम अनर्थदण्ड विरमण व्रत | आठवाँ अणट्ठदण्ड वेरमण व्रतसे य अणट्ठ दण्डे चउव्विहे पन्नत्ते तं जहा-अवज्झाणाचरिए, पमायाचरिए, हिंसप्पयाणे, पाव-कम्मोवएसे, इस तरह आठवें अनर्थदण्ड सेवन के पच्चक्खाण (जिसमें आठ आगार आए वा, राए वा, नाए वा, परिवारे वा,
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र