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इत्यादि छब्बीस बोल का यथा परिमाण किया है उसके उपरान्त उपभोग, परिभोग, वस्तु भोग निमित्त भोगने का पच्चक्खाण,
जावज्जीवाए, एगविहं तिविहेणं, न करेमि, मणसा, वयसा, कायसा,
ऐसा सातवाँ उपभोग-परिभोग परिमाण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ
सचित्त का आहार किया हो, सचित्त प्रतिबद्ध का आहार किया हो, अपक्व का आहार किया हो, दुष्पक्व का आहार किया हो, तुच्छ औषधि का आहार किया हो, तो जो मे देवसिओ अइयारो कओ, तस्स मिच्छामि दुक्कडं। यह तो भोजन के अतिचार कहे। अब कर्त्तव्य के अतिचार कहता हूँइङ्गाल-कम्मे, वण-कम्मे, साडी-कम्मे, भाडी-कम्मे, फोडी-कम्मे,
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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