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| षष्ठ दिशा परिमाण व्रत के अतिचार
छट्ठा दिशा परिमाण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँऊर्ध्व दिशा के परिमाण का अतिक्रमण किया हो, अधो दिशा के परिमाण का अतिक्रमण किया हो, तिर्यक् दिशा के परिमाण का अतिक्रमण किया हो, क्षेत्र वृद्धि की हो,
क्षेत्र परिमाण के विस्मृत हो जाने से क्षेत्र परिमाण का अतिक्रमण किया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं।
सप्तम उपभोग-परिभोग परिमाण
व्रत के अतिचार सातवाँ उपभोग-परिभोग परिमाण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँसचित्त का आहार किया हो, सचित्त प्रतिबद्ध का आहार किया हो,
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श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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