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अपक्व का आहार किया हो, दुष्पक्व का आहार किया हो, तुच्छ औषधि का आहार किया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। यह तो भोजन के अतिचार कहे। अब कर्त्तव्य के अतिचार कहता हूँइङ्गाल-कम्मे, वण-कम्मे, साडी-कम्मे, भाडी-कम्मे, फोडी-कम्मे, दन्त-वाणिजे, लक्ख-वाणिजे, रस-वाणिजे, केस-वाणिजे, विस-वाणिज्जे, जंतपीलणिया-कम्मे, निल्लच्छणिया-कम्मे, दवग्गिदावणिया-कम्मे, सर-दह-तलाव-सोसणिया-कम्मे, असइजण-पोसणिया-कम्मे, . इन कर्मादानों में से किसी कर्मादान का सेवन किया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। .
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र