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बारह व्रतों के साठ अतिचार | प्रथम अहिंसा व्रत के अतिचार पहला स्थूल प्राणातिपात विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ
रोषवश गाढ़े बन्धन बाँधे हों, गाढ़े घाव घाले हों, अंगोपांग का छेदन किया हो, अधिक भार भरा हो, भक्त-पान का विच्छेद किया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं।
| द्वितीय सत्य व्रत के अतिचार
दूसरा स्थूल मृषावाद विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ
सहसाकार-किसी पे झूठे आल दिये हों, रहस्य (छानी) बात प्रकट की हो, स्त्री-पुरुष का मर्म प्रकाशित किया हो, किसी को मिथ्या उपदेश दिया हो, | श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र ५७