Book Title: Shatarth Vivaranam
Author(s): Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकाशकीय निवेदन । प. पू. गच्छाधिपति आचार्य श्री. माणिक्यसागरसूरीश्वरजी महाराज आदि ठाणा वि. सं. २०१० ना वर्षे कपडवंज शहेरमां मीठाभाई गुलाबचन्दना उपाश्रये चातुर्मास बीराज्या हता। आ अवसरे तेओश्रीना पवित्र आशिर्वादे आगमोद्धारक-ग्रन्थमालानी स्थापना थएली हती. आ ग्रन्थमालाए त्यारबाद प्रकाशनोनी ठीकठीक प्रगति करी छ। तेओश्रीनी पुण्यकृपाए आ 'शतार्थ विवरण' नामना ग्रन्थने आगमोद्धारक ग्रन्थमालाना २१ मा रत्न तरीके प्रगट करतां अमने बहु हर्ष थाय छे. __ आनी प्रेस कोपी तथा आनुं संशोधन प. पू. गच्छाधिपति आ. श्री माणिक्यसागरसूरीश्वरजीनी पवित्रदृष्टि नीचे शतावधानी मुनिराजश्री लाभसागरजीए करेल छे. ते बदल तेओश्रीनी तेमज जेओए आना प्रकाशनमां द्रव्य तथा प्रति आपवानी सहाय करी छे ते बधानो आभार मानीए छीए । लि. प्रकाशक For Private And Personal Use Only

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