Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋषि मंडल गया है । मंत्र उपर सम्पूर्ण श्रद्धा रखने वाले और मंत्र को नही मानने वाले दोनो आधुनिक कालमे मोजूद हैं, लेकिन मंत्र बल, मंत्र शक्ति, मंत्र प्रभाव के बहुत से एसे प्रमाण मिलते हैं कि इस विषय में स्वभाविक श्रद्धा मनुष्य को हो जाती है, और मंत्र प्रभाव से याने मंत्र का सिद्ध कर के बहुत सी व्यक्तियोंने विजय पाई हैं । मंत्र अर्थात् अमुक अक्षरों की अमुक प्रकार की सङ्कलना । एसी सङ्कलना से परिस्थिति पर विशिष्ट असर होती है, और कई विद्वानो का एसा कथन है । उदाहरण भी है कि, मंत्र पर श्रद्धा रखने वाले पुरुष गारुडी मंत्र जिसके प्रभाव से झहर उतर जाता है, और मंत्र बल से काट कर भग जाने वाला सांप भी मंत्र के आधीन हो तत्काल गारुडी की शरण में आता है । इस उदाहरण से समझ सकते हैं कि मंत्र बलवान होते हैं, इसी तरह मंत्र बल से ही कई तरह के प्रयोग - मंदिर को उड़ा ले आना उपद्रव-रोग-आदि हटाने के लिए किये गये जिन के दृष्टान्त देखने में आते हैं । इस आधुनिक बुद्धिवाद के जमाने में जिस तरह आकर्षण शील विद्युत और प्रेरक विद्युत के समागम से प्रकाश उत्पन्न होता है । तदनुसार भिन्न भिन्न स्वभाव वाले अक्षरों की यथायोग्य रीत से सङ्कलना होती है तो उसके प्रभाव से किसी अपूर्व शक्ति का प्रादुर्भाव होता है । यह तो निसन्देह सिद्ध है कि महापुरुषों के उच्चारित सामान्य शब्दों में भी अद्भुत सामर्थ्य समाया For Private and Personal Use Only

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