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सकली करण
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मंत्र का जाप करते समय किसी और की तरफ से अंतराय आजाय या किसी तरहका कष्ट उत्पन्न होने वाला हो तो इस मंत्र के प्रभावसे हट जाता है, और सर्व दिशाके सारे उपद्रवोंको रोकने के लिये इस मंत्र का जाप करना चाहिए ।
॥ सकली करण दूसरा ॥
उपर बताये अनुसार क्रिया न हो शके और ऋषिमंडल मूलमंत्र का जाप करनाही है तो जिनको उपर लिखी क्रियामें प्रवेश करते कठिनाई मालूम हो उनके लिये सादी क्रिया इस प्रकार बताई गई है कि नीचे बताया हुवा मंत्र बोलता जाय और अंगके अवयवका नाम आवे उस जगह निजका हाथ रखकर बोलता जाय, जब इस तरहकी क्रिया हो चुके तब मूलमंत्र का जाप शुरु कर देवे ।
॥ महारक्षा सर्वोपद्रव शांतिमंत्र ||
|| नमो अरिहन्ताणं शिखायां ॥
|| नमो सिद्धाणं मुखावरणे ॥
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|| नमो आयरियाणं अङ्गरक्षायां ॥ || नमो उवञ्जायागं आयुधे ॥
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