Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 92
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७ ऋषिमंडल आन्ना मंत्रशक्तिका वेग बढ जाता है, और मंत्रसिद्ध करने के लिये इसकी आवश्यकता है। (३) ऋषिमंडल मूलमंत्रके साथ नमः पल्लव बताया गया है। लेकिन जब तेज स्वभावी मंत्र बनाना हो तो या एसे कार्यके लिये मंत्र आराधन किया जाता हो कि जिसकोजल्दी पूरा कर सिद्ध करना है तो नमः पल्लव न लगाकर “फट्" पल्लव लगाया जाय और साथ ही “स्वाहाः"बोल कर मंत्रकी शक्तिको बढा लेना चाहिए। (५) ऋषिमंडलके छप्पनवें श्लोक के आधमें "भूर्भुव" आता है, सो इसे बोलते समयॐ लगाकर"ॐ भूर्भुव” बोलना चाहिए। इस श्लोक के आधमें ॐ लगाने की आदत कर लेना। इस तरह चार बातें पाठकों के सामने हैं जिनका आदर करना और विशेष विधि आगे के प्रकरण में आवेगा लेकिन समान भावसे करने वालों के लिये उपरोक्त विधान अनुकुल आ सकेगा, आगे के प्रकरण में जो विधि बताई जायगी वह कुछ कठिन है अतः जैसा जिसके समझ में आवे द्रव्यक्षेत्रकालभाव देख कर करे । For Private and Personal Use Only

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