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ऋषिमंडल पूजा
सोलह नम्बरके विशोपचारमें पूजा करना बताया है किन्तु अष्ट द्रव्यादि पूजाका विशेष वर्णन नही किया गया सो यहां बताया जाता है।
ऋषिमंडलकी उत्तर क्रियाके दिन इस प्रकार मंत्र बोलकर दिनचर्या व ऋषिमंडल पूजा हवन मंडपमें करना चाहिए।
(१) दातण करते समय “ॐ ह्रीँ यक्षाधिपतये नमः॥ (२) मुख धोने के समय “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कामदेवाधिपति ममाभिषितं पूरय पूरय स्वाहाः ॥ (३) जलमंत्र “ॐ ही अमृतेश्चर्यै अमृतवर्षिणी स्वाहाः ॥ (४) स्नानमंत्र “ॐ ही विमलेश्वर्यै नमः (५) भूमि शुद्धिमंत्र"ॐ हा ही भूः स्वाहाः॥ (६) क्षेत्रपालमंत्र “ॐ ह्री क्ष्व क्षेत्रपालाय नमः ॥ (७) दिग्पाल मंत्र “ॐ ही दिग्पालेभ्यो नमः ॥ (८) ग्रहमंत्र “ॐ ह्री ग्रहेभ्यो नमः ॥ (९) देवीमंत्र " ॐ ही षोडशमहादेव्यै नमः ॥ इसके बाद सकलीकरण इस प्रकार करना चाहिए।
ॐ ही नमो अरिहंताणं हा शीर्ष रक्ष रक्ष स्वाहाः ॐ ही सिद्धाणं ही वदनं, आयरियाणं षडांग हूँ हृदय
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