Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 95
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७४ ऋषिमंडल - स्तोत्र वोलकर अंग पर हाथ लगाते हुए उतारना और तीन दफे चढाना तीन दफे उतारना इस तरह अनुक्रम से सकलीकरण पूरा कर लेवे । ॥ ( ४ ) आत्मरक्षा ॥ ॥ ॐ परमेष्टि नमस्कारं मित्यनेन त्रिकार्या आत्मरक्षाः ॥ इस मंत्र को आत्मरक्षा के लिये बोलना । ॥ ( ५ ) हृदयशुद्धि ॥ ॥ ॐ विमलाय विमलचित्ताय क्ष्वीं क्ष्वीं स्वाहा ॥ इस मंत्र को बोलकर प्रवचन मुद्रा द्वारा तीन दफा मंत्र - बोल हृदयशुद्धि करना चाहिए । ॥ (६) मंत्र स्नान ॥ ॥ ॐ अमलेविमलेसर्वतीर्थजले प, प, पां पां, वां, वां अशुचिशुचिर्भवामि स्वाहा ॥ इस मंत्र द्वारा पञ्चाङ्गी स्नान तीन दफा निज के हाथों से स्पर्श करता हुवा मंत्र बोलकर कर लेवे । ॥ ( ७ ) कल्यश दहनं ॥ ॐ विद्युत् स्फुलिङ्गे महाविद्ये ममसर्वकल्यशं दह दह स्वाहा ॥ For Private and Personal Use Only

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