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ऋषिमंडल - स्तोत्र
वोलकर अंग पर हाथ लगाते हुए उतारना और तीन दफे चढाना तीन दफे उतारना इस तरह अनुक्रम से सकलीकरण पूरा कर लेवे ।
॥ ( ४ ) आत्मरक्षा ॥
॥ ॐ परमेष्टि नमस्कारं मित्यनेन त्रिकार्या आत्मरक्षाः ॥ इस मंत्र को आत्मरक्षा के लिये बोलना । ॥ ( ५ ) हृदयशुद्धि ॥
॥ ॐ विमलाय विमलचित्ताय क्ष्वीं क्ष्वीं स्वाहा ॥ इस मंत्र को बोलकर प्रवचन मुद्रा द्वारा तीन दफा मंत्र - बोल हृदयशुद्धि करना चाहिए ।
॥ (६) मंत्र स्नान ॥
॥ ॐ अमलेविमलेसर्वतीर्थजले प, प, पां पां, वां, वां अशुचिशुचिर्भवामि स्वाहा ॥
इस मंत्र द्वारा पञ्चाङ्गी स्नान तीन दफा निज के हाथों से स्पर्श करता हुवा मंत्र बोलकर कर लेवे ।
॥ ( ७ ) कल्यश दहनं ॥
ॐ विद्युत् स्फुलिङ्गे महाविद्ये ममसर्वकल्यशं दह दह
स्वाहा ॥
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