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ऋषिमंडल-स्तोत्र पल्लव लगाया जाय तो मंत्रकी शक्ति तेज हो जाती है, और शांति सूचक मंत्र भी तेज स्वभाव वाला बन जाता है जिससे कार्य की सिद्धि भी तत्काल होती है । नमः या कोई भी पल्लव लगा देने बाद स्वाहा लगाया जाता है सो सिद्धिदायक है, और हर एक पल्लव की प्रकृतिका प्रकाश करनेवाला है, और मंत्रकी शक्तिमें वेग पहुंचाकर उसे तेजोमय बना देता है, अतः आराधन करने वालोंको इस विषयका पूरा ध्यान रखना चाहिए. और जैसा कार्य हो वैसा ही पल्लव लगा कर जाप करे जिससे तत्काल सिद्धि होगा।
मंत्राक्षर बोलते समय मंत्राक्षरके स्वरुप को नही बिगाडना चाहिए । जैसा अक्षर हो इस्व. दीर्घ संयुताक्षर आदि का ध्यान रखकर उसके रुपमें स्पष्ट बोलना चाहिए । इस तरहसे बोलने से मंत्रशक्ति बढती है और सिद्धि भी प्राप्त होती है । अतः संयुताक्षर बोलते बोलते अपभ्रंश न होजाय जिसका पूरा ध्यान रखना चाहिए ।
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