Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 82
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋषि मंडल आलम्बन स्थापना करते समय ध्यान रखना चाहिए कि स्थापना निजकी नाभि से उंची रहे और उसके लिये एक बाजोट जिसे सिंहासन-पाटीया-या पाटला भी कहते हैं जो बहुत सुन्दर बना हुवा हो और नाभिके प्रमाण तक उंचा हो एसे बाजोटको शुद्ध करके उसके उपर पीले रंगका कपडा बिछा लेये और उस पर ऋषिमंडल यंत्रको स्थापना करे। यंत्रके दाहिनी तरफ घी का दीपक जलता रहे और बांई तरफ धृप या अगरबत्ती जलती रहे-दीपक की ज्योत ठीक प्रकाश देने वाली होना चाहिये क्यों कि इससे मंत्रशक्ति का विकास होता है। यंत्र यदि सोने चांदी ताम्बा कांसी आदिका बना हुवा हो तो नित्य प्रति पक्षाल पूजा अष्ट-द्रव्यसे करना चाहिए, और यंत्र कपडे पर हो या कागज पर छपा हुवा या लिखा हुवा हो तो वासक्षेपसे नित्य पूजा करना और सामने चांवल नैवेद्य फल आदि चढाना चाहिए। दीपक जलता हुवा इतना उंचा रहे कि जिसकी ज्योति ऋषि मंडल यंत्र में जो ही है उस के मध्य भाग तक आ जावे अर्थात दीपक को ठीक उंचाई पर रखे और जो जो विधान करने के हैं वह करते जांय जिसका पूरा विवरण आगे के प्रकरणमे आवेगा। For Private and Personal Use Only

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