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ऋषिमंडलयंत्रबनानेकीतरकीब
ऋषि मंडल यंत्र बनवाना हो तो पहिले अच्छा दिन, शुभ महूर्त देख लेना चाहिए, और जब निजका चन्द्रस्वर चलता हो तब यंत्रको बनानेकी शुरुआत करे । यंत्र सोनेके, चांदीके, तांबेके, कांसीके अथवा सर्व धातुके मिश्रणवाले पतडे पर जैसी जिसकी शक्ति हो तैयार करे।
पतडेको एकसा गोलाकार बनवा कर सफाई वाला करालेवे और बादमें उस पतडे पर जहां तक हो सके अष्ट गंधसे यंत्र लिखे । अष्ट गंध पवित्रतासे बनाया हुवा हो और जिसमें निचे लिखे अनुसार वस्तुओंका मिश्रण होना चाहिए। (१) केसर, (२) कस्तूरी, (३) अगर, (४) गौरोचन (६)
भीमसेमी कपूर (७) चंदन (८) हिंगल। इन सब को खरलमें तैयार कर लेवे ।
जब यंत्र को लिखना शुरु करे तब तेले की तपस्या करना चाहिए। यदि तेला न हो सके तो ऑविलकी तपस्या तो अवश्य करना चाहिए और यंत्र लिखते समय श्री सिद्धचक्र मंडलकी स्थापना कर अष्टद्रव्यसे पूजा कर पूर्व दिशाकी तरफ मुख रख कर मौन पने रह कर यंत्र लिखता जाय ।
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