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ऋषि मंडल-स्तोत्र
इस तरह आठों कोठों में लिखने से तीसरा गोलाकार मंडल तैयार हो जाता है। बाद में चौथा गोलाकार मंडल सोलह कोठे वाला बनावे और दूसरे व तीसरे कोठे में प्रथम लिखने की शुरुआत की है उसके ठीक उपर से चौथे मंडल मे नम्बर वार इस तरह लिखे ।
(१) ॐ ही भुवनेन्द्रेभ्यो नमः (२) ॐ ही व्यंतरेन्द्रेभ्यो नमः
ही ज्योतिष्केन्द्रेभ्यो नमः (४) ॐ ही कल्पेन्द्रेभ्यो नमः (५) ॐ ही श्रुतावधिभ्यो नगः
ही देशावधिभ्यो नमः (७) ॐ ही परमावधिभ्यो नमः (८) ॐ ही सर्वावधिभ्यो नमः
ही बुद्धिऋद्धिमाप्तेभ्यो नमः (१०) ॐ ही सर्बोषधिमाप्तेभ्यो नमः (११) ॐ ही अनंतबलदिमाप्तेभ्यो नमः (१२) ॐ ही तपद्धिमाप्तेभ्यो नमः (१३) ॐ ह्रौं रसर्द्धिमाप्तेभ्यो नमः (१४) ॐ ही वैक्रेयद्धिप्राप्तेभ्यो नमः
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