Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 60
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋषि मंडल-स्तोत्र इस तरह आठों कोठों में लिखने से तीसरा गोलाकार मंडल तैयार हो जाता है। बाद में चौथा गोलाकार मंडल सोलह कोठे वाला बनावे और दूसरे व तीसरे कोठे में प्रथम लिखने की शुरुआत की है उसके ठीक उपर से चौथे मंडल मे नम्बर वार इस तरह लिखे । (१) ॐ ही भुवनेन्द्रेभ्यो नमः (२) ॐ ही व्यंतरेन्द्रेभ्यो नमः ही ज्योतिष्केन्द्रेभ्यो नमः (४) ॐ ही कल्पेन्द्रेभ्यो नमः (५) ॐ ही श्रुतावधिभ्यो नगः ही देशावधिभ्यो नमः (७) ॐ ही परमावधिभ्यो नमः (८) ॐ ही सर्वावधिभ्यो नमः ही बुद्धिऋद्धिमाप्तेभ्यो नमः (१०) ॐ ही सर्बोषधिमाप्तेभ्यो नमः (११) ॐ ही अनंतबलदिमाप्तेभ्यो नमः (१२) ॐ ही तपद्धिमाप्तेभ्यो नमः (१३) ॐ ह्रौं रसर्द्धिमाप्तेभ्यो नमः (१४) ॐ ही वैक्रेयद्धिप्राप्तेभ्यो नमः ge e e पुE Pe g ge Re Ye Ke Pe ' For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111