Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 58
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३८ ऋषि मंडल-स्तोत्र इस लिये स्वर्ण वाले सोलह तीर्थङ्कर भगवान के नाम इस तरह लिखे। ऋषभ अजित संभव अभिनन्दन सुमति सुपार्श्व शीतल श्रेयांस विमल अनंत धर्म शांति कुंथु अर नमि वर्द्धमानेभ्यो नमः एसा लिखे बाद पुरा ही कार तैयार हो जाता है, बाद में ही कार के बीचमे जो जगह रहती है उसमे इस तरह बीज अक्षर लिखना चाहिये। ॥ॐ ह्री अहँ नमः ॥ उपरोक्त कथनानुसार लिखे बाद पूरा ही कार तैयार हो गया समझना चाहिए। ___ (२) दूसरा गोलाकार ही कार के चारों तरफ बनावे जिसमे बराबरी के आठ कोठे रखे उन आठों कोठों में इस तरह लिखना शुरु करे। ह्री कार अर्ध चन्द्राकार पर जो बिन्दु है उस के उपर से प्रथम लिखने की शुरुआत करे । - (१) पहले कोठे में अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋल ल ए ऐ ओ औ अं अः हम्यूँ । For Private and Personal Use Only

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