Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal
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ऋषि मंडल-स्तोत्र देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा॥ तया छादितसर्वांगं,-मा-मां-हिनस्तु काकिनी ३१ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा ॥ तया छादितसर्वागं, मा-मांहि-नस्तु शाकिनी ३२ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा ॥ तया छादित सर्वांगं,-मा-मां-हिनस्तु हाकिनी ३३ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा ॥ तया छादित सर्वांगं,-मा-मां-हिनस्तु याकिनी ३४ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा ॥ तया छादितसर्वांगं, मा-मां-हिंसंतु पन्नगा॥३५॥ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा ॥ तया छादित सर्वांगं, मा-मां-हिंसंतु हस्तिनः ३६ देवदेवस्य यच्चक्रं, तस्य चक्रस्य-या-प्रभा । तया छादित सर्वांगं, मा-मां-हिंसंतु राक्षसाः ३७ देवदेवस्य यच्चक्रं,-तस्य चक्रस्य-या-प्रभा॥ . तया छादित सर्वांगं, मा-मां-हिंसंतु वन्हयः ३८
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