________________ मनुष्य का एक वर्ष = देवताओं का एक अहोरात्र दिव्य 12000 वर्ष = चतुर्युग, हजार महायुग = ब्रह्मा का एक दिन = 14 मन्वन्तर 2. प्रतिसर्ग इसका पुराणकार ने इस प्रकार प्रतिपादन किया है-पुरुषानुगृहितानामेतेषां वासनामयः विसर्गोऽयं समाहारो बीजात् बीजं चराचरम् // प्रलयकाल में परमात्मा में सूक्ष्म वासना रूप से सभी जीवों का समाहार होता है, पुनः सृष्टिकाल में चराचर जगत् का एक बीज से दूसरे बीज की तरह पुनः प्रादुर्भाव होना ही प्रतिसर्ग हैं। जैसे वर्षाकाल में पृथ्वी में अज्ञात-अव्यक्त रूप से स्थित बीज वृष्टि-जलादि सहयोग से अनेक प्रकार के लता, वृक्ष तृणादि रूप से प्रगट होते हैं; उसी प्रकार पूर्व सृष्टि में उत्पन्न जीवों के अवशिष्ट वासनामय संस्कारों के द्वारा पुनः सृष्टि रचना के समय में अनेक भोग्य पदार्थ तथा उन पदार्थों के भोक्ता जीवों की भी उत्पत्ति होती है। यही प्रतिसर्ग है। श्रीमद्भागवत में सृष्टि के प्राकृत, वैकृतादि भेद से 9 भेद बतलाये हैं और उनका पूर्वापर क्रम भी बतलाया है। पुराणप्रतिपादित सृष्टि रहस्य . सृष्टि चार प्रकार की होती है-प्राकृतिकी, ब्राह्मी, मानसी, मैथुनी। 1. प्राकृतिकी सर्वप्रथम परमात्मा के सान्निध्य में प्रकृति का गुण क्षोभ जन्य जो परिणाम है अर्थात् अव्यक्तावस्था से व्यक्तावस्था को प्राप्त होना प्रकृति . का परिणाम होने से इसे प्राकृतिकी सृष्टि कहते हैं। 2. ब्राह्मी-प्राकृतिकी सृष्टि के बाद ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर इन तीन प्रकार की - मूर्तियों का आविर्भाव होता है। ये तीन प्रत्येक ब्रह्माण्ड के सगुण ब्रह्म होने के कारण प्रतिनिधि भूत ईश्वर कहे जाते हैं। यह ब्रह्म से होने के कारण ब्राह्मी सृष्टि कही जाती है। 3. मानसी–तदनन्तर (ब्राह्मीसृष्टि के बाद) ब्रह्मा के मानसपुत्र प्रजापतियों द्वारा देव-दानवादि की जो विस्तृत सृष्टि होती है, उसे मानसी सृष्टि कहते हैं। 4. मैथुनी-उद्भिज-स्वेदज-अण्डज-जरायुज इन चारों प्रकार के प्राणियों में स्त्री पुरुष के मैथुन से होने वाली सृष्टि को मैथुनी सृष्टि कहते हैं। यद्यपि देवलोक में दैवी सृष्टि की अधिकता तथा असुरलोक में आसुरी सृष्टि की अधिकता होती है किन्तु मनुष्य पिण्ड में सत्त्व, रज एवं तम इन त्रिगुणों की अतिविषमता के कारण देवी-मानवी आसुरी तीनों प्रकार की सृष्टियाँ दिखाई देती हैं। पूर्वजन्म के कर्मानुसार व्यक्ति तत्तद् सृष्टि को प्राप्त करता है। - 45 / पुराणों में जैन धर्म