Book Title: Puranome Jain Dharm
Author(s): Charanprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharati Academy

View full book text
Previous | Next

Page 264
________________ 17. सं डॉ. रामचन्द्र वर्मा "ब्रह्माण्ड पुराण' पृ. 152-154 18. प्रधान कारणं क्तदव्यक्ताख्यं महर्षयः . यदाहुः प्रकृति सूक्ष्मां नित्या सदसदात्मिकाम् // -मार्कण्डेय पुराण 42.32 / 19. M. Hirriyanna, "Outlines of Indian Philosophy"(Hindi Translation) P. 273 20. डॉ रमाशंकर त्रिपाठी “शिव महापुराण की दार्शनिक तथा धार्मिक समालोचना पृ. 307 21. “त्रयोविंशति-तत्त्वेभ्यः परा प्रकृतिरुच्यते प्रकृतेस्तु परं प्राहुः पुरुष पंचविशकम्' -शिव पुराण 6.9.9 22. मार्कण्डेय पुराण 42.32 23. डॉ. रमेशकुमार उपाध्याय 'वैष्णवपुराणों में सृष्टिवर्षन', पृ 53 24. (अ) स्थानांग 153 (अभयदेव सूत्रवृत्ति) (a) समवायांग 149 25. (अ) नारदीय पुराण (लोक वर्णन) (ब) सतीशचन्द्र जोशी “भविष्य पुराण' पृ.६३-६४ (स) श्रीमद् भागवत पुराण –'शिवपुराण में शैवदर्शन तत्त्व' पृ. 387 26. (अ) तत्त्वार्थ सूत्र 3.78 (ब) स्थानांग 153, 193, 555, 93 . (अभयदेव सूत्रवृत्ति) 27. (अ) चरणानुयोग (प्रस्तावना) (a) स्थानांग 193 (स) विष्णु पुराण (द) सतीशचन्द्र जोशी भविष्य पुराण' पृ. 63-64 . 28. () “पद्ममहापद्मतिगिलकेशरिमापुण्डरीका दास्तेशामुपरि" -तत्त्वार्थसूत्र 3.14 (4) “एतेषां पर्वतानां तु द्रोण्योऽतीव मनोहरा वनरमलपानीय: सरोभिरुपशोभिताः // " -मार्कण्डेय पुराण 55.14-15 (स) “तदेतद् पार्थिवं पद्यं चतुष्पत्रं मयोदिवम् -वही 55.20 29. श्री शुक्लचंद जी म “नवतत्त्वादर्श' पृ. 39-40 30. () विष्णुपुराण 2.3.1-4 (ब) अग्निपुराण 118.2 31. श्रीमदकलंकदेव के तत्वार्थसूत्र के भाष्य की व्याख्या 3.10 32. (अ) भागवत पुराण 11.15-17 तथा 5.71-73 (ब) वायु पुराण 33.51-52 (स) मार्कण्डेय पुराण 53.39-40 (द) पं. बलदेव उपाध्याय “पुराणविमर्श' पृ. 333 33. (अ) बनतत्वप्रकाश पृ. 84 (द) विष्णुपुराण 2.4.13-14 34. बनतत्वप्रकाश जगत् - विचार / 244

Loading...

Page Navigation
1 ... 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308