Book Title: Puranome Jain Dharm
Author(s): Charanprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharati Academy
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________________ सन्दर्भ-सूची 1. प्रो हरेन्द्रप्रसाद सिह चारतीय दर्शन की रूपरेखा', पृ. 138 2. डॉ. बैकुण्ठनाथ शर्मा 'बहावैवर्त पुराण का सांस्कृतिक विवेचन', पृ. 265 3. चटजी एवं दत्त 'भारतीय दर्शन', पृ. 1 4. बेचरदास दोशी 'जैन साहित्य का बृहद् इतिझस' -(प्रस्तावना) 5. परपुराण 6. सं. श्री मुमानप्रसादबी पोद्दार ___“कल्याण' -पुराणांक, अप्रैल-१९८९, पृ. 49-58 7. विष्णुपुराण 8. ब्रह्मवैवर्त पुराण क ख 78.17 9. स्कन्दपुराण 10. शिवपुराण 51.526 11. वही, 7.1.31.61 12. ब्रह्मवैवर्तपुराण (1) पृ. 271, श्लो. 16 13. गरुडपुराण (1) पृ. 391, श्लो. 52 14. वही (2. पृ. 142, श्लो. 8 15. अग्निपुराण अ. 372, श्लो. 4 16. मार्कण्डेयपुराण अ. 10 17. भागवतपुराण 3.10.13 18. (अ) शिवपुराण, वा स, अ. 5 () "मुक्त: शिवसमो भवेत्” -वही 7.1.32-22 (स) “वत स्यान्मुक्तसंसार" (द) वही 7.2.6.19 19. मार्कण्डेयपुराण, 36.9 20. प्रो. दयानन्द भार्गव “वैदिक साहित्य में जैन परंपरा" नामक लेख 'श्रमय' बुलाई-सितम्बर, 1992, पृ. 9 21. रामधारी सिंह दिनकर 'संस्कृति के चार अध्याय', पृ. 125 उपसंहार / 274

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