Book Title: Nadi Darpan
Author(s): Krushnalal Dattaram Mathur
Publisher: Gangavishnu Krushnadas

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 558 धमनी प्रदर्शक चित्र. 8 इस धमनीप्रदर्शक चित्रमें ख ग धमनी मूल यह अर्ध्वा भिमुखी, पश्चाद् गामी तथा निम्न मुरवी ये तीन अशों में विभक्त है. ...रवग ....... कप FIR "रवत नक गटत तक चङ टडज...... जट गघ दक कपालस्थ धमनी उदरस्थ नाडीझन गलस्थ धमनी नलकास्थीय धमनी. ग। कंठस्थ धमनी जानुपश्चात् धमनी. क. कक्ष नाडी जानुस्थ सन्मुरव नाडी. ज धमनी स्कंध वा वक्षस्थ मूल नाडी रख त पर्शकाभ्यंतर धमनी तुङ उदरस्थ मूलनाडी. हक प्रगंडीय नाड़ी टङ जयंतर (भीतरकी) बस्तिनाडीत क मणिबंधस्थ नाडी जट बाह्य (बाहरकी) बस्तिनाडी | गध प्रकोष्टीय धमनी - For Private and Personal Use Only

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