Book Title: Nadi Darpan
Author(s): Krushnalal Dattaram Mathur
Publisher: Gangavishnu Krushnadas

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Page 67
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नाडीदर्पणः । प्रत्येक प्रस्तारके नो नो भेद होतेहै लंवाव चौडावा और गहराई इन तीनोंके प्रमाणको हकीम लोग कुतर कहतेहै । उन दो तीन कुतरोंको एकत्र करो अर्थात् प्रस्तार करो तो दोपस्तार २७ सत्ता. ईस सर्त्ताईस के होतेहै जैसे आगेके दोनो चक्रोंमें लिखे है दोनो प्रस्तार करनेकी यह रीतिहै कि तीनप्रकारके लंवावको तीन प्रकारोंकी चोडाईके साथ गुणदेवे तो नो होवेगी इसीप्रकार लंबाई और गहराइयोंको तथा चौडाई और गहराईकी तीन तीन प्रकारोंके साथ मिलनेसैं नो नो भेद होतेहै इसप्रकार तीनो सत्ताईस सत्ताईस भेद होतेहै इसका उदाहरण आगे चक्रोसैं समझना चाहिये इस गुणनको फारसीवाले सनाई कहतेहै । नाडीनां प्रस्तारचक्रम् । सनाई (द्विगुण) । सलासी (त्रिगुण) द हह ह य य याद दददद ददद यस काय स क य व आय व अय hra • Ww to Ro | | how he "n her he too | कक | |24 12424 LANANA.A. द| द द ह ह ह य य य ह ह ह ह ह ह हह वय व अंय व अंय आय व आय व अंय | स स स क क क य | यय कककाala||य य य य य य य य य व अंय व स स स क क क य य या आय व अ य व अंय व अंय व आय इन दोनो चक्रोंमें जो अक्षर है उनमें द से दीर्घ, ह मैं हस्व, और य मैं यथार्थ कहिये समान जानना उसीप्रकार स से स्थूल, क से कृश व सैं बहिर्गत अ मैं अंतरगतकी समस्या जानलेनी चाहिये । इति श्रीबृहन्निघंटुरत्नाकरे नाडीदर्पणे यूनानीमतानुसार नाडीपरीक्षणे तरङ्गः PULSE EXAMIN. अबैंग्लंडीयमतेन नाडीपरीक्षा ऐंगलंडीयभाषायां नाडी पल्सेति शब्दिता । तस्याः परोक्षापरोक्षभेदेन द्विविधा गतिः ॥ १॥ द्रष्टुर्याङ्गुलिसंस्पर्श For Private and Personal Use Only

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