Book Title: Nadi Darpan
Author(s): Krushnalal Dattaram Mathur
Publisher: Gangavishnu Krushnadas

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra For Private and Personal Use Only नाडीयोंकी व्यवस्था संस्कृतनाम इंग्रेजीअक्ष नाना० इंग्रेजी नाम संख्या हृदयकै खटकाके संख्यानुसारनाडी दोप्रकारकीहै पहली फ्रीक्वेंट इसमें आरोग्य अवस्थाकी शीघ्रचा अपेक्षा गति संख्या अधिकहोतीहै। रिणी Friquent फ्रिक्वेंट | दूसरी इन्फ्रीक्वेंट इसकी दशा फ्रीकैटसैं विपरीत होताहै यह स्त्रीयोंके वातगुल्म रोगमें होताहै। मंदगामिनी Infriquent__ इन फ्रिक्रेट हृदयकी गतिके प्रबंधानुसारभी नाडीकी दो अवस्था पाई जातीहै एक रेग्यूलर, नाडीन्में क्रमानुसार रुधिर जाने- सावधानता वाली नाडीको रेग्यूलर कहतेहै इसपर हाथ रखनेझैं गति एकसी मालूमहो और कभी बीचमें अंतर नहीं पड़ता। सूचक ___Regulars ऐयूलर्स दूसरी इररेग्यूलर अर्थात् नाडीन्में क्रमके विपरीत रुधिर जाय इसपर हाथ रखनेसै गति एकसी प्रति नहीं असावधान होती और बीचमें अंतर पढ जाताहै रोगावस्थामें नाडीका सप्रबंधित अर्थात् क्रमपूर्वक चलना अच्छाहै । Irregulars इररेग्यूलर्स | ता सूचक जिस नाडीके तडफ होने में जितना काल जाताहै उस्सै अधिक होजाय अर्थात् दूसरी गति काभी कालव्यतीत होजावे उसको इंटरमिट कहतेहैं परंतु गतिके भेदसे यह दोप्रकारकीहै एक सांतरिक Intermittent इंटरमिटेंट रिग्यूलर इन्टमिटेंट और दूसरी इररैग्यूलर इन्टमिटेंट है। म्तकके सजनेमें अन्यकारणोंसे नाडीमें अधिक रुधिर पहुचे और उंगलियोंके नीचे नाडीका उत्प्लवन अधिक धक प्रतीतहो तो उसनाडीको फुल या लार्ज कहतेहै यह अधिक रुधिर वृद्धि में अथवा कठोररोगों प्रतीत होतीहै। परिपूर्ण Full या Large फल या लार्ज | जो नाडी फल लार्जके विपरीतहो अर्थात् नाडीमें अल्प रुधिर पहचे और नाडीका उत्प्लवन का Esmal इस्माल उंगलियोंकों थोड़ा प्रतीतहो उसनाडीको स्माल अर्थात् बारीक नाडी कहतेहै। | जब नाडी अत्यंत सूक्ष्ममूतके समानहो तो उसको इंग्रेजीमें ऐडीपल्स कहतेहै यह रुधिर सूक्ष्मतर Thready Pulse ऐडीपल्स की न्यूनावस्था अथवा दुर्बलतामें देखी जातीहै। नाडीकी दिवारकी लचकके तुल्यनाडीकी दोगति होतीहै एक हार्ड अर्थात् कठोर इसैं किंचिन्मा Hard भी दबानेसैं उंगलियोंको कठोरता प्रतीत होताहै यह नाडीकी अधिक लचकके कारण होताहै। द्वितीय साफ्ट या नम्र जिसकी दशा हार्ट नाडीके विपरीत होतीहै यह नाडीके अनुरोध Soft ( नाडीकी दिवार ) की लचकसैं और देहके निर्वलतामें पाई जातीहै। साफ्ट __नाडीकी गतिमें जो समय व्यतीत होताहै उसके अनुसार नाडी द्विविध होतीहै एक क्वीक अर्थात् शीघ्रचारणी| शीघ्रगा नाडीकी प्रत्येक गात शीघ्र शघ्रिहो परंतु एक अथवा मानसिक रोगोमें जिनमें स्वभाव दुष्टहो उनमें पाईजातीहै । मिनी quick क्वीक् जो क्वीक नाडीके विपरीतहो अर्थात् सुस्तहो उसको स्लौ नाडी कहतेहै। धीरगामिनी Slow । स्लो __ अथ डाक्टरीमतानुसार नाडीचक्रम् ऐंग्लंडीयमतानुसारनाडीपरीक्षा www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (६१)

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108