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( ३७ ) एक धर्म है सच्चा प्यारा । क्यों फिरता है मारा मारा ॥
मोहन मतलब का जग सारा। सोहन प्रीति तोड कर अग से जिनवर जिनघर बोल । बाबा घट के पटले खेोल मनवा घट के पटले खोल ॥
जहां में कौन किसका है गरज के यार है यहां सब जहां में कौन किसका है । न बेटे साथ जाते हैं न पोते साथ देते हैं । जहां से कृच टहरा जब जहां में कौन किसका है ॥ जिन्हें तू यार समझा है वे हैं संसार ए गाफिल । कोई किसका हुश्रा यां सब जहां में कौन किसका है ॥ नहीं दुनिया झमेला हैं मचा जादू का मेला है । तमाशाई हैं यां हम सब जहां में कौन किसका है । गरज के यार हैं यां सब जहां में कौन किसका है।
गानो गाओ गाओ गाओ। गायो गानो गानो गायो आजादी ना गीतो गायो
सो सो दीपमाला प्रकटायो। अाज अमेरो अवसर प्रात्यो गानो गानो गानो गानो ॥ जेणे खातिर कईक वीरों शोणित खूब बहाव्या । एवा वीर शहीदो नी अमर याद बनायो ॥ गायो-॥१॥
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